बिलासपुर— कांग्रेस पार्षद दल और कांग्रेस संगठन ने नगरवासियों से संपत्तिकर वसूली ठेकेदार से कराए जाने के निर्णय का विरोध किया है।
कांग्रेस पार्षद दल के नेता शैलेन्द्र जायसवाल ने बताया कि निगम में पिछले साल तक संपत्ति कर वसूली 6 करोड़ की थी। इस साल बजट बढ़ाकर 24 करोड़ रूपए कर दिया गया है। वास्तविक टारगेट सिर्फ 9 से 10 करोड़ रूपए का है। बावजूद निगम सरकार ने आम जनता से 24 करोड़ की वसूली आनलाइन ठेके पर करने का फैसला किया ह। जनता के साथ सरासर अन्याय है।
शैलेन्द्र ने बताया कि जब से निगम में भाजपा सरकार बनी है। आम जनता पर करों का बोझ बढ़ता ही जा रहा है। पहले सम्पत्तिकर,जलकर,प्रकाशकर,समेकित कर में इजाफा किया गया। अब वेस्ट मैनेजमेन्ट के नाम पर 15 करोड़ रूपए का अतिरिक्त बोझ जनता पर डाला जा रहा है। वाणी राव के समय निगम को राज्य शासन से करीब चालिस करोड़ रूपए अनुदान मिलता था। इससे निगम का खर्च आसानी से चल जाता था। भाजपा की निगम सरकार बनते ही शासन ने अनुदान राशि बंद कर जनता पर अतिरिक्त कर थोप दिया ।
शैलेन्द्र समेत कांग्रेस पार्षदों ने दावा किया है कि यदि सम्पत्ति कर को ठेके पर दिया जाता है तो अधिकारी और कर्मचारी बेकार हो जाएंगे। ऐसा करने से निगम पर अतिरिक्त आर्थिक भार आएगा। जिसका असर आम आदमी पर पड़ेगा।
शैलेन्द्र ने सम्पत्ति कर वसूली में भ्रष्टाचार के लिए महापौर और उनके साथियों पर आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि महापौर की लापरवाही के चलते ही पिछले दो सालों में निगम में कोई बृद्धि नहीं हुई है। जनता की कमर को करों के बोझ से तोड़ा जा रहा है। यदि सपंत्ति की वसूली ठेके पर दी जाती है। इससे गुण्डाराज को बढ़ावा मिलेगा। कंपनी कर्मचारी घरों में घुसकर जबरन सम्पत्ति कर वसूली करेंगे। मारपीट किये जाने की आशंका को खारिज नहीं किया जा सकता है।
कांग्रेस पार्षद प्रवक्ता के अनुसार कांग्रेस के सभी पार्षद निगम के निर्णय का विरोध करेंगे।यदि निगम ने सम्पत्ति कर उगाही को ठेका सिस्टम में देने का फैसला किया तो निगम नेता प्रतिपक्ष शेख नजरूद्दीन की अगुवाई में कर्मचारी और आम जनता के साथ ठेका सिस्टम और कर बृद्धि का पुरजोर विरोध किया जाएगा।