सलामी के बाद पेश किया विकास का खाका

BHASKAR MISHRA
8 Min Read

IMG-20160815-WA0004 बिलासपुर— झण्डा रोहण   के बाद अमर अग्रवाल ने मुख्यमंत्री संदेश का वाचन किया। करीब आधे घण्टे के संदेश वाचन मे अमर अग्रवाल ने सरकार की उपलब्धियों को आम जनता के सामने रखा। अमर अग्रवाल ने सरकार योजनाओं की जानकारी दी। इस मौके पर अमर अग्रवाल ने आजादी के महान शहीद भारत माता के बलिदान को भी याद किया। सफेद कबूतर आसमान में छोड़ा । रंगारंग कार्यक्रम का आनंद लिया। स्वतंत्रता सेनानियों का शाल श्रीफल देकर सम्मानित भी किया।

Join Our WhatsApp Group Join Now

                               छत्तीसगढ़ के वीरों को याद करते हुए अमर ने कहा कि 1857 से बहुत पहले ही प्रदेश में आजादी की लड़ाई की अलख जग चुकी थी।  दी थी। अलग-अलग समय में आदिवासी समाज के वीर गैंद सिंह और वीर गुण्डाधूर ने अपने जांबाज साथियों के साथ वीर नारायण सिंह ने मैदानी अंचल में क्रान्ति का शंखनाद किया। कालांतर में राज्य के हर क्षेत्र में वीर सपूतों ने बढ़-चढ़कर स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया।  आज मैं उन सभी को नमन करता हूं।

                        आजादी मिलने के बाद सात दशकों के सफर में देश ने विकास का लम्बा सफर तय किया, लेकिन उसकी दिशा और दशा के कारण सभी को समान रूप से न्याय नहीं मिला। वर्ष 2003 से लगातार मिले जनादेश से वास्तव में हमें छह दशकों की निराशा को खत्म करने और चौमुखी विकास करने का अवसर मिला। अब छत्तीसगढ़ अपने विकास की तेज गति और विकास में सबको भागीदार बनाने की अपनी पहल के लिए पहचाना जाता है।

               कृषि को लाभदायक बनाने के नए उपायों के तहत कृषक सहकारी समितियों को बीज उत्पादन से जोड़ने की अभिनव पहल के कारण, बीज उत्पादन में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी हुई है। 32 लाख से अधिक किसानों को ‘सॉइल हेल्थ कार्ड’ उपलब्ध करा रहे हैं। दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर और गरियाबंद जिलों को पूर्णतः जैविक जिला और शेष 23 जिलों के एक-एक विकासखण्ड को जैविक कृषि क्षेत्र बनाया जा रहा है।

                           प्रदेश में अभी भी 813 गांव ऐसे हैं, जिनका भूमि सर्वेक्षण नहीं हुआ है।दो वर्ष के भीतर सभी गांवों का सर्वेक्षण पूर्ण कर लिया जाएगा। आबादी भूमि का सर्वेक्षण इस वर्ष पूर्ण कर आबादी पट्टा वितरण शुरू कर दिया जाएगा। लगभग 46 लाख ग्रामीण परिवारों को लाभ मिलेगा।

                         तेन्दूपत्ता की तरह अन्य लघु वनोपजों का लाभ वनवासियों को दिलाने की जो पहल की थी, वह निरंतर आगे बढ़ाई जा रही है। वन्य प्राणियों से होने वाली जनहानि के लिए दी जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि 3 लाख रू. से बढ़ाकर 4 लाख रू. कर दी गई है। पशु हानि की राशि 20 हजार से बढ़ाकर 30 हजार रू. कर दी गई है। प्रदेश को हरा-भरा बनाए रखने के लिए ‘हरियर छत्तीसगढ़’ योजना के अंतर्गत 10 करोड़ पौधों का रोपण इस वर्ष किया जा रहा है। IMG-20160815-WA0006

                      बिजली, गांव से लेकर शहर तक हर तबके की ताकत बने। इसके लिए हम वर्ष 2018 तक शत-प्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। ‘इंटीग्रेटेड पॉवर सिस्टम’ विकसित किया जा रहा है।

                        शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए हम बहुस्तरीय प्रयास सरकार कर रही हैं। ‘अमृत मिशन’ के तहत एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में उन्नत अधोसंरचना के विकास हेतु चार वर्षीय परियोजना शुरू की गई है। 70 शहरों में 369 आधुनिक सिटी बसें शुरू हो गई हैं।

                        गांवों के विकास में पंचायतों की भूमिका को और अधिक मजबूत करने के लिए नई ‘जिला पंचायत विकास निधि योजना’ शुरू की गई है।  4 विकासखण्ड तक वाले जिलों को प्रतिवर्ष एक करोड़ रू. तथा 5 या अधिक विकासखण्ड वाले जिलों को 2 करोड़ रू. मूलभूत सुविधाएं जुटाने के लिए दिए जाएंगे।

                  ग्राम और नगर पंचायतों के प्रतिनिधियों को राज्य के विकास और उपलब्धियों से भावनात्मक रूप से जोड़ने के लिए ‘हमर छत्तीसगढ़ योजना’ शुरू की गई है।  महिलाओं को तात्कालिक संकट से उबारने के लिए टोल फ्री ‘महिला हेल्पलाइन 181’ शुरू की है। ‘सखी’ वन स्टॉप सेंटर स्थापित करने वाले हम देश के पहले राज्य बन गए हैं। संकटग्रस्त बच्चों की सहायता के लिए भी टोल फ्री ‘चाइल्ड हेल्पलाइन 1098’ का विस्तार सभी जिलों में किया जा रहा है। आंगनवाड़ी केन्द्रों से प्रतिदिन 25 लाख से अधिक गर्भवती, शिशुवती माताओं और छह वर्ष तक के बच्चों को पूरक पोषण आहार दे रहे हैं। कुपोषण का स्तर 10 वर्षों में 17 प्रतिशत घटकर लगभग 30 प्रतिशत रह गया है।

                            महिलाओं को धुआंरहित रसोई का उपहार देने के लिए ‘उज्ज्वला योजना’ सरकार ने शुरू की है। प्रदेश की लगभग 25 लाख महिलाओं को रियायती दर पर रसोई गैस उपलब्ध कराएंगे। सरकार ने ‘जन्म सहयोगी कार्यक्रम’ के तहत प्रसूति कक्ष में महिला के साथ उनकी निकट परिचिता के रहने की सुविधा दी गई है। ‘चिरायु कार्यक्रम’ के अन्तर्गत आंगनवाड़ी केन्द्रों में वर्ष में दो बार तथा स्कूलों में वर्ष में एक बार स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है।

        हमने सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से कारगर जनसुविधाएं देने के लिए 5 हजार लोक सेवा केन्द्र शुरू कर दिए हैं जो 37 प्रकार की शासकीय सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं। इनमें से जिला या तहसील कार्यालय परिसर में संचालित 175 केन्द्रों ने ही विगत डेढ़ वर्षों में   16 लाख प्रमाण-पत्र जारी कर दिए हैं। ऐसे केन्द्र सभी ग्राम पंचायतों में स्थापित करने के लिए नई योजना शुरू की जा रही है।

         IMG_20160815_095431              आदिवासी बहुल जिला बलरामपुर प्रदेश का ऐसा पहला जिला बन गया है, 99 प्रतिशत ग्राम पंचायतों को ‘ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क’ से  जोड़ा जा चुका है। शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के लिए शाला स्तर पर ‘‘डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम शिक्षा गुणवत्ता अभियान’’ शुरू किया है। शाला स्तर से रोजगारपरक शिक्षा देने के लिए आई.टी., ऑटोमोबाइल, मीडिया एवं इंटरटेनमेंट, कृषि सहित 8 विषयों को वैकल्पिक पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।

                            प्रदेश ने देश के पहले चूना पत्थर ब्लॉक और पहली सोने की खदान की नीलामी सफलतापूर्वक करते हुए एक नया इतिहास रचा है। खुशी है कि हमने सभी 27 जिलों में जिला खनिज संस्थान ट्रस्ट का गठन कर दिया है। प्रतिवर्ष 11 सौ करोड़ रू. का अंशदान मिलेगा। राशि का उपयोग स्थानीय विकास की उच्च प्राथमिकता वाले कार्यों में किया जाएगा।

                       राज्य में चौतरफा विकास की जो क्रान्ति हो रही है। ‘छत्तीसगढ़ राज्य सड़क परियोजना’, ‘एल.डब्ल्यू.ई. योजना’, ‘राष्ट्रीय राजमार्ग’ और ‘छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम’ के माध्यम से 11 हजार कि.मी. से अधिक सड़कों के निर्माण का काम विभिन्न चरणों में है। रेल परिवहन सुविधाओं के अहम योगदान को देखते हुए प्रदेश में नए रेलमार्गों की संभावनाएं तलाशने, परियोजनाएं बनाने, संसाधन जुटाने और शीघ्र निर्माण सुनिश्चित करने हेतु रेलवे के साथ ‘ज्वाइंट वेंचर’ बनाया है।

                                  छत्तीसगढ़ के समग्र, समन्वित और समावेशी विकास के मार्ग में एक चुनौती वामपंथी उग्रवाद के रास्ते से आई थी। अब इनके निर्णायक रूप से समाप्ति की ओर बढ़ रहे हैं। नक्सल प्रभावित अंचलों में सुरक्षा और विकास की साझी रणनीति कारगर हो रही है।

 

close