बिलासपुर—जिला सहकारी केन्द्रीय मर्यादित बैंक के 131 कर्मचारियों पर जल्द ही डीमोशन की तलवार चलने वाली है। स्टाफ जांच टीम ने सामुहिक निर्णय के बाद सीईओ को फरमान जारी करने का आदेश दिया है। अभिषेक तिवारी ने अभी तक किसी भी कर्मचारी के खिलाफ एक्शन नहीं लिया है। लेकिन बैंक कर्मियों में दहशत का माहौल है।
जानकारी के अनुसार जांच पड़ताल के बाद स्टाफ जांच टीम ने जिला सहकारी केन्द्रित मर्यादित बैंक के 131 कर्मचारियों को रिवर्ट करने का फायनल फैसले पर हस्ताक्षर 6 फरवरी को कर दिया है। 131 कर्मचारियों की रिवर्ट फाइल 6 फरवरी से सीईओ अभिषेक तिवारी के टेबल पर है। खबर की भनक लगने के बाद बैंक कर्मचारियों के चेहरों पर हवा हवाई उड़ रही है।
मालूम हो कि साल 2010 से वर्तमान तक सैकड़ों कर्मचारियों की नियम विरूद्ध जिला सहकारी केन्द्रीय मर्यादित बैंक में भर्ती हुई। नियमों को ताक पर रखकर सैकड़ों लोगों को प्रमोशन दिया गया। बताया जाता है कि प्रमोशन और भर्ती के दौरान लेन देन का खेल जमकर हुआ। देखते ही देखते सैकड़ों कर्मचारियों को सिर्फ दो सालों में पांच प्रमोशन मिल गया। कई भृत्य बाबू बन गए। पन्द्रह साल के विरूद्ध् सिर्फ साल दो साल में कई बाबू ब्रांच मैनेजर पद तक पहुंच गए। जिन्होने लेनदेन नहीं किया उन्हें 35 साल के बाद भी प्रमोशन नहीं मिला।
भर्ती घोटाला की जानकारी के बाद जांच कमेटी ने नियम विरूद्ध भर्ती किये 105 लोगों को बर्खास्त करने की सिफारिश की थी। 131 लोगों को रिवर्ट करने को कहा था । जांच टीम की सिफारिश पर सीईओ ने 105 लोगों को हमेशा के लिए बैंक से बाहर का रास्त दिखा दिया था। लेकिन 131 लोगों का फैसला लेने में करीब एक साल लग गया।
सूत्रों की मानें तो 131 लोगों को रिवर्ट करने का फैसला काफी पहले लिया जा चुका था। उन्हेें बचाने का भरसक प्रयास किया गया। लेकिन सारी संभावनाएं 6 फरवरी को खत्म हो गयी। स्टाफ जांच टीम के सदस्य बैंक ओआईसी कलेक्टर अन्बलंगन पी. संयुक्त रजिस्ट्रार के.एल.ठारगावे, जिला सहकारी संस्थाएं उप पंजीयक दिलीप जायसवाल और बैंक सीईओ अभिषेक तिवारी ने बैठक के बाद नियम विरूद्ध प्रमोट सभी 131 कर्मचारियों को रिवर्ट करने का फायनल फैसला किया। जांच प़ड़ताल और सहमति के बाद सीईओ अभिषेक तिवारी को मामले में एक्शन लेने को कहा।
देखना होगा कि कर्मचारियों पर रिवर्ट की गाज कब तक गिरती है। फिलहाल अभी तक किसी भी कर्मचारी को रिवर्ट का आदेश नहीं मिला है। मामले की भनक लगने के बाद कुछ कर्मचारियों ने रिवर्ट के फैसले को सही बताया है….तो कुछ बैंक कर्मियों ने निर्णय को हतोत्साहित करने वाला कहा है। एक कर्मचारी ने बताया कि जब 6 फरवरी को निर्णय ले लिया गया है तो इसे अब तक अमल में क्यों नही लाया गया।
मामले में जिला सहकारी केन्द्रीय मर्यादित बैंक सीईओ अभिषेक तिवारी से सम्पर्क का प्रयास किया गया लेकिन बैठक में होने के कारण बातचीत नहीं हो पायी। कुछ कर्मचारियों ने बताया कि मामले में नरम रूख के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया जाए।