स्कूली बच्चों की बेसलाइन मजबूत करने निखार कार्यक्रम … शिक्षा सचिव बोले – बच्चों की स्थिति सुधारने ईमानदार प्रयास जरूरी

Shri Mi
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रायपुर।प्रदेश में पहली बार शासकीय स्कूलों के कक्षा आठवीं और नवमीं के बच्चों की उपलब्धियों में सुधार के लिए ’निखार’ कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों की उपलब्धियों में सुधार के लिए बेस लाइन आंकलन किया जाएगा और बच्चों की बौद्धिक क्षमता के समुचित विकास के लिए व्यापक प्रयास किए जाएंगे।सीजीवालडॉटकॉम के Whatsapp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे

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राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा इसके प्रथम चरण में आज यहां शिक्षा विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों का उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव ने राज्य स्तरीय आंकलन के सफल आयोजन के लिए बधाई दी और कहा कि आंकलन के बाद सबसे महत्वपूर्ण कार्य बच्चों की स्थिति में सुधार के ईमानदार प्रयास करना है।

उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम को लागू करने के लिए तकनीकी समर्थन देने हेतु ’द ट्रांसफार्म ट्रस्ट’ द्वारा सहयोग दिया जा रहा है। इनके साथ बिना किसी वित्तीय सहयोग के समग्र शिक्षा द्वारा अनुबंध किया गया है।

कार्यक्रम के अंतर्गत अन्य राज्यों में संचालित इस योजना का अध्ययन कर राज्य के अनुरूप शिक्षण सामग्री तैयार कर इस योजना को लागू किया जा रहा है। प्रथम चरण में राज्य के दस जिलों-बीजापुर, कांकेर, महासमुन्द, गरियाबंद, रायपुर, दुर्ग, बलौदाबाजार, बिलासपुर, जांजगीर-चांपा और कोरबा में ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान मास्टर्स ट्रेनर्स तैयार किए जा रहे है।

शाला खुलने के पूर्व इन जिलों में कक्षा आठवीं और नवमीं पढ़ाने वाले हिन्दी, अंग्रेजी, गणित और विज्ञान शिक्षकों का तीन-तीन दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा। इन जिलों में सभी शालाओं के प्रधानपाठकों एवं प्राचार्यों को भी एक दिवसीय प्रशिक्षण देकर इस कार्यक्रम को शालाओं में लागू किया जाएगा।

कार्यक्रम के अंतर्गत चयनित जिलों के सभी उच्च प्राथमिक एवं हाई स्कूल के कक्षा आठवीं और नवमीं के बच्चों का बेसलाइन आंकलन किया जाएगा, जिससे यह जानकारी मिलेगी कि इन कक्षाओं के कितने बच्चों कक्षा-तीन से कम स्तर के और कितने बच्चे कक्षा-पांच से कम तथा कितने बच्चे कक्षा-आठवीं के स्तर के हैं। इस आंकलन के बाद बच्चों के स्तर में सुधार के लिए लगातार प्रयास किए जाएंगे।

कार्यक्रम के अंतर्गत नियमित कक्षाओं में 69 दिनों के भीतर 200 घण्टे की कक्षाएं आयोजित की जाएंगी, जिसमें सर्वप्रथम 18 दिन का फाउंडेशन पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। फाउंडेशन पाठ्यक्रम के अंतर्गत प्रतिदिन एक-एक घण्टे की हिन्दी, अंग्रेजी, गणित एवं विज्ञान की कक्षाओं का आयोजित किया जाएगा अर्थात कुल 72 घण्टों का अध्यापन होगा, जिसमें बेहतर स्तर के बच्चे अपने से कम स्तर के बच्चों के साथ मिलकर सभी बच्चों की मूलभूत दक्षताओं में सुधार किया जाएगा।

इसके बाद 45 दिनों का सहयोगात्मक अधिगम चरण का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रतिदिन 45-45 मिनट की अंग्रेजी, गणित और विज्ञान की कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। इस चरण में कुल 101 घण्टे 15 मिनट की पढ़ाई होगी। इस चरण में सभी विषयों में महत्वपूर्ण लर्निंग आउटकम पर फोकस किया जाएगा, ताकि बच्चों को आगे की अवधारणाओं को समझने में आसानी हो।

कार्यक्रम के तीसरे और अंतिम चरण में अंग्रेजी, गणित एवं विज्ञान विषयों के लिए 6 दिनों का समापन कैम्प आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रतिदिन 45 मिनट के एक विषय अर्थात कुल 2.15 घण्टे की कक्षा आयोजित की जाएगी। छह दिनों में कुल 13.30 घण्टे की कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। इस अवधि में बच्चों को परीक्षा की तैयारी कराई जाएगी।

कार्यक्रम के तीसरे चरण के बाद इन बच्चों के लिए बेसलाइन की तरह एण्डलाइन टेस्ट आयोजित किए जाएंगे और दोनों टेस्टों के बीच बच्चों के स्तर में सुधार का आंकलन किया जाएगा। इन दस जिलों में निखार कार्यक्रम के अनुभव के आधार पर आगामी सत्र से अन्य जिलों में भी कार्यक्रम में आवश्यक सुधार कर इसे लागू किया जाएगा।

कार्यक्रम के अंतर्गत बेसलाइन एवं एण्डलाइन परीक्षण प्रश्न पुस्तिकाओं के अलावा शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग क्रियान्वयन संदर्शिकाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। शिक्षकों को विभिन्न अवधारणाओं को समझाने के लिए गतिविधियों से परिचय तथा बच्चों को अभ्यास के लिए अभ्यास पुस्तिकाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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