बिलासपुर—दिनभर इंतजार के बाद पीएनबी को मॉल तो नहीं मिला लेकिन तहसीलदार का मेमो जरूर मिल गया। मेमों मिलने के बाद पीएनबी बैंक एजीएम ने पत्रकारों को बताया कि पार्टी स्तर पर जिम्मेदार लोगों को मैनेज किया गया। जिसके कारण बैंक को भौतिक कब्जा नहीं मिल सका। दिनभर इंतजार किया…जिला प्रशासना से पटवारी के अलावा कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। तहसीलदार को कई बार फोन किया लेकिन उन्होने रिसीव करना भी मुनासिब नहीं समझा। जबकि उन्ही के निर्देश में हम लोग मुम्बई और रायपुर से फिजीकल पजेशन लेने बिलासपुर आए। सुबह भी तहसीलदार से मुलाकात हुई। कहा कि मामला शांति से निपट जाएगा। ठीक 11 बजे माल पहुंच जाउंगा। इससे साबित होता है कि अधिकारियों को मैनेज किया गया है। यह बातें कटोरा तालाब पीएनबी बैंक एजीएम पी.व्ही.दास ने कही। इस दौरान दास काफी मायूस नजर आए।
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36 में पीएनबी अधिकारियों ने प्रेस वार्ता के दौरान पजेशन को लेकर जिला प्रशासन की ढुलमुल रवैये की दबी जुबान में आलोचना की। एजीएम दास ने बताया कि जो हुआ गलत हुआ है। पहले तो पजेशन की तारीख नहीं दे रहे थे। दिया तो 36 माल का पजेशन दिलाने मौके पर कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा। दास ने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हम सरकार का पैसा मांग रहे हैं। हमारे घर का तो पैसा है नहीं। जब सरकार के ही अधिकारी मदद नहीं करेंगे तो पजेशन तो मिलना दूर हम एक कदम भी चल नहीं पाएंगे।
एक सवाल के जवाब में प्रशासनिक ढुलमुल रवैया पर दबी जुबान में भड़ास जाहिर करते हुए पीएनबी एजीएम दास ने कहा कि अधिकारियों ने सहयोग नहीं किया। इससे जाहिर होता है कि पार्टी स्तर पर मैनेज किया गया है। लेकिन दास ने यह नहीं बताया कि किस तरह मैनेज किया जा रहा है। बाद में उन्होने अपने उत्तर को संभाला और कहा कि मैं पत्र मैनेज की बात कह रहा हूं।
सवाल का जवाब देते हुए दास समेत अन्य बैंक अधिकारियों ने बताया कि 118 करोड़ किस तरह हासिल करना है इस पर अब विचार विमर्श किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर हम कोर्ट भी जाएंगे। जबकि कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया है कि जिला प्रशासन पीएनबी को पजेशन दिलाए।
पजेशन क्यों नही मिला के सवाल पर दास ने बताया कि तहसीलदार का मेमो मिला है। मेमो में बताया गया है कि मॉल के व्यवसायियों को सुरक्षा और हितों के लिए शपथ दें। किसी को नुकसान ना हो। हमने मेमो का जवाब शपथ पत्र के रूप में भेज दिया है। बावजूद इसके तहसीलदार मौके पर नहीं पहुंचे।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि कोर्ट का आदेश तहसीलदार के पास भी है आप लोगों को बांटा गया है। हाईकोर्ट ने सरफेशी एक्ट के तहत सारी दुविधाओं और पजेशन की स्थिति को स्पष्ट किया है। लेकिन प्रशासन ने पजेशन देने से बचने के लिए मेमो थमा दिया। जबकि इस प्रकार की कार्रवाई आज से पहले भी हो सकती थी। लेकिन उन्होने नहीं किया। ठीक कार्रवाई के दिन मेमो थमाया। ऐसा लगा कि सब सात सितम्बर के समय को टालने के लिए किया गया है।
दास ने बताया कि कोर्ट ने सरफेशी एक्ट के तहत माल पजेशन के दिशा निर्देशों को बताया है। निश्चित रूप से हमारी कार्रवाई किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं है। हम लोग कोर्ट आदेश का पालन लोगों के हितो को ध्यान में रखकर ही करते।