सावधान! दोबारा संक्रमण पैदा कर सकता है कोरोना वायरस का ब्राजील वैरिएंट

Shri Mi
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नई दिल्ली-दुनियाभर में कोरोना वायरस के ब्राजील वैरिएंट (Brazil Varient) ने चिंता बढ़ा दी है. यह वायरस तेजी से अपने पैर पसार रहा है. अब एक नई स्टडी में सामने आया है कि ब्राजील वैरिएंट सामान्य कोरोना वायरस से 2.2 गुना ज्यादा संक्रामक है. साथ ही यह दोबारा संक्रमण की शक्ति भी रखता है. इस रिसर्च को ब्राजील की साओ पाउलो युनिवर्सिटी (University of São Paulo) के शोधकर्ताओं ने इंपीरियल कॉलेज ऑफ लंदन और ऑक्सफोर्ड युनिवर्सिटी के साथ ये रिसर्च की है. इससे पहले हुई कई देशों की रिसर्च में सामने आया था कि कोरोना संक्रमण होने के बाद कुछ महीनों तक वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है. इस पीरियड को 6 महीने तक का बताया गया है. लेकिन लोगों के दोबारा संक्रमित से अब परेशानी और बढ़ गई है. 

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गौरतलब है कि ब्राजील का नया वैरिएंट तेजी से फैल रहा है. इस मामले में शोध के लिए शोधकर्ताओं ने रिसर्च का केंद्र ब्राजील के मानौस शहर को बनाया था. दरअसल इस शहर में कोरोना की फर्स्ट वेव का जबरदस्त प्रकोप था. लेकिन दोबारा यहां नए ब्राजील वैरिएंट का खासा प्रभाव हुआ है. शोधकर्ताओं ने पाया कि ब्राजील वैरिएंट का शिकार वह लोग भी हुए जो पहले भी संक्रमित हो चुके थे.

दोबारा संक्रमित कर सकता है वायरस
दरअसल कोरोना वायरस लगातार म्यूटेट हो रहा है. ब्राजील वैरिएंट के दोबारा संक्रमण पैदा करने की क्षमता ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों के सामने चिंता खड़ी कर दी है. बता दें कि ब्राजील कोरोना वायरस से दुनिया में सर्वाधिक प्रभावित देशों में शामिल है. भारत ने जनवरी में ब्राजील को कोरोना वैक्सीन की 20 लाख डोज भी भेजी थी. तब ब्राजील के राष्ट्रपति ने हिंदी में ‘धन्यवाद’ लिखकर भारत का शुक्रिया अदा किया था.

भारत में भी मिले हैं कई देशों के वैरिएंट 
भारत में भी ब्राजील वैरिएंट के कुछ मामले सामने आ चुके हैं. सोमवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील जैसे सार्स-कोव-2 के मामलों की संख्या 213 तक हो गई है. भारत में भी कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं. महाराष्ट्र में सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं. भारत के कुल नए मामलों में से अकेले महाराष्ट्र से ही 70 फीसद से अधिक मामले सामने आ रहे हैं.

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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