आधारशिला विद्या मंदिर में देश भर से पहुंचे कलाकार – अनुभव 4.0 शुरू,संस्कृति एवं पर्यटन एक दूसरे के पूरक – अटल श्रीवास्तव

Chief Editor
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बिलासपुर । विगत ४५ वर्षों से स्पिकमेके (सोसाइटी फॉर द प्रमोशन ऑफ़ इंडियन क्लासिकल म्यूजिक एंड कल्चर अमोंग्स्ट यूथ) द्वारा भारतीय शिक्षा में सार्थक बदलाव एवं गुणवत्ता बढ़ाने के लिए अनवरत प्रयास किया जा रहा है | संस्था ने न केवल भारतीय कलाओं, संस्कृति एवं विरासत को संजोने का कार्य किया है बल्कि स्कूल, कॉलेज के लाखों युवाओं को इसके प्रति संवेदनशील एवं जागरूक बनाया है |

ग्रीष्म ऋतु में संस्था द्वारा एक ‘सम्मलेन’ करवाया जाता है .जिसमें पूरे देश भर से युवा इक्कट्ठे होते हैं – इनमें कई आई. आई. टी और आई. आई. एम के विद्यार्थी भी शामिल रहते हैं | ये विद्यार्थी शास्त्रीय संगीत, नृत्य एवं लोक कला के विश्व विख्यात गुरुओं से संवाद करते हैं एवं उनके साथ कलाओं का अभ्यास करते हैं |

अनुभव 4.0 – परिचय

अनुभव के पिछले तीन संस्करण – जून 2020, जून 2021 एवं अक्टूबर 2021 में आयोजित किये गए | कोरोना के दौरान संस्था ने कलाकारों को आर्थिक मदद एवं बच्चों को कला-संस्कृति सीखने के लिए विशेष ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन करवाया |इस बार ये कार्यक्रम पूरे देश में सिर्फ 7 संस्थाओं में हो रहा है | इसमें बिलासपुर से आधारशिला विद्यामंदिर भी एक है |

स्पिक मेके आयोजन समिति ने बताया कि कार्यक्रम में हमें अटल श्रीवास्तव – चेयरमैन, छत्तीसगढ़ टूरिज्म का भी मार्गदर्शन मिला है | उन्होंने कार्यक्रम की संकल्पना एवं उपलब्धियों को देखते हुए ‘अनुभव 4.0 को छत्तीसगढ़ के लिए एक अवसर के रूप में समझा एवं 200 विद्यार्थी एवं 50 वालंटियर के लिए व्यवस्था की |

आयोजक टीम से चर्चा के दौरान अटल श्रीवास्तव ने कहा कि पर्यटन एवं संस्कृति एक दूसरे के पूरक हैं | अगर हम किसी भी तरह से संस्कृति का संरक्षण- संवर्धन करते हैं तो स्वतः ही पर्यटन को बढ़ावा मिलता है | हमने तय किया है कि इस तरह के कार्यक्रम पूरे छत्तीसगढ़ में कराये जायेंगे | अटल श्रीवास्तव, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल ने स्पिक्मेके का धन्यवाद् देते हुए कहा कि यह आयोजन पूरे बिलासपुर के लिए बहुत सौभाग्य की बात है | उन्होंने सभी बच्चों को कार्यशाला में आने एवं अच्छी तरह सीखने के लिए शुभकामनायें दीं | उन्होंने स्पिक मेके के अपने अनुभव सुनते हुए कई संस्मरण भी सुनाये जिसमें बिस्मिल्ल्लाह खान जी सरीखे कलाकारों को सुनने एवं शास्त्रीय संगीत का अहसास करने की बात उन्होंने कही |

प्रिंसिपल श्रीमती जी. आर मधुलिका ने कार्यक्रम के संबंध में बताया | उन्होंने कहा – आधारशिला विद्या मंदिर के चेयरमैन डॉ.अजय श्रीवास्तव के अनवरत प्रयास से बिलासपुर के इतिहास में पहली बार भारतीय कला व संगीत के क्षेत्र से जुड़ी महान विभूतियों का शिक्षा के उद्देश्य से आगमन हो रहा है l बिलासपुर वासियों के लिए यह बहुत ही गर्व की बात है कि कला के क्षेत्र में विश्व विख्यात हस्तियाँ हमारे बच्चों को सीखाएँगे भी और प्रस्तुति भी देंगे |

सुनील गर्ज्ञान जी (कलाकार, कर्नाटिक संगीत) ने बताया कि बच्चों ने उनकी विधा को अच्छी तरह सुनना एवं समझना शुरू किया है | ऋतु वर्मा (पंडवानी) ने देश विदेश में छत्तीसगढ़ी कला एवं संस्कृति का नाम रोशन किया है | वे भी गुरु के रूप में इस कार्यक्रम में मौजूद हैं | उन्होंने कहा कि वे हमेशा अपनी कला को सीखाने के लिए तैयार रहती हैं |

श्रुति प्रभाला , (कोऑर्डिनेटर, स्पिक मेके) ने बताया कि उन्होंने भी स्पिकमेके के कई कार्यक्रमों में शिरकत की है और गुणवत्ता का स्तर हमेशा बहुत अच्छा रहता है | उन्होंने स्वयं भी स्पिकमेके के सौजन्य से कभी 45 दिनों तक एक गुरु के सानिध्य में रह कर सीखा था और यह उनके लिए काफी प्रेरक और समझ को बढ़ाने वाला अनुभव रहा |

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