विक्रांत की अगुवाई में आजाद मंच का प्रदर्शन..7 दिनों का दिया अल्टीमेट..बताया..जनता को क्रूज से ज्यादा जरूरी सिटी बस..आंदोलन की चेतावनी

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— आजाद युवा मंच के कार्यकर्ताओं ने संगठन प्रमुख विक्रांत तिवारी की अगुवाई में कमिश्नर कार्यालय का घेराव किया। अपनी मांग को लेकर नारेबीज भी किया। आयुक्त की अनुपस्थिति में अधिकारी राजेन्द्र कुमार रात्रे को लिखित मांग देते हुए जल्द से जल्द सिटी बस संचालन की बात कही। विक्रांत तिवारी ने सात दिनों का अल्टीमेटम देते हुए उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है।

               आजाद मंच के नेताओं ने विकास भवन पहुंचकर जमकर नारेबाजी की है। विक्रांत तिवारी की अगुवाई में कमिश्नर चैम्बर के सामने सभी कार्यकर्ताओं ने सिटी बस संचलान की मांग को दुहराया। विक्रांत ने निगम प्रशासन को बताया कि बिलासपुरवासियों को सस्ती और आरामदायक यातायात सुविधा दे रही सिटी बस सर्विसेज का जल्द से जल्द संचालन किया जाए।  21 माह से सिटी बस का संचालन बन्द है। लोगो को यात्रा के दौरान 20 रुपयों की  जगह 70 से 100 रुपयों का भुगतान करने को मजबूर होना पड़ रहा है। इसके लिए सीधे तौर पर शासन प्रशासन के बड़े अधिकारी जिम्मेदार हैं।
 
           विक्रांत ने पत्रकारों को बताया कि मंच के प्रतिनिधिमंडल ने सचिव, निगम आयुक्त बिलासपुर शहरी सार्वजनिक यातायात सोसायटी को कलेक्टर और  सोसायटी अध्यक्ष के नाम मांग पत्र दिया है। बिलासपुर की आम जनता सिटी बस के नहीं चलने से परेशान है। कोरोना काल के बाद लगातार यात्रा के आर्थिक बोझ का सहना मुश्किल हो गया है। यदि एक हफ्ते में प्रशासन ने सिटी बस संचालन को लेकर गंभीरता नहीं दिखाता है तो आजाद मंच के कार्यकर्ता आंदोलन को मजबूर होंगे।
 
भारत सरकार ने किया सम्मानित
 
              केंद्र सरकार ने पब्लिक ट्रांपॉर्ट की सुविधा मुहैया करवाने प्रदेश के 21 क्लस्टरों के 70 शहरों में 451 सिटी बसों का संचालन किया। इसके लिए  183.69 करोड़ की राशि स्वीकृत किया। हमारे बिलासपुर जिले में  1 अक्टूबर .2015 को 50 बसों का संचालन 25 करोड़ रुपए की लागत से  शुरू हुआ। इसमें 40 नॉन एसी और 10 एसी बसों को शामिल किया गया था। भारत सरकार ने पूरे प्रदेश में बिलासपुर को सर्वश्रेष्ठ सिटी बस संचालन के लिेए सम्मानित भी किया। लेकिन आज सिटी बस की सेवाएं पूरी तरह से ठप हैं। 
 
21 मंहीनों पहिया जाम
  
              बिलासपुर आज़ाद मंच के विजय सिंह राजपूत ने बताया कि बिलासपुर शहर के साथ साथ ग्रमीण क्षेत्रों के 12 रूटों पर चलने वाली सिटी बसों में 8000 से अधिक बिलासपुरवासी प्रतिदिन यात्रा करते थे। इससे निगम प्रशासन को प्रत्येक महीने डेढ़ लाख रूपए मिलता था।  14 बसें खराब होने पर भी पूरी 50 बसों की राशि ठेका कंपनी देती थी। कोरोना काल मे 21 मार्च 2020 को 8 दिनों के लिए बसें बन्द ऐसे हुई कि आज 21 महीने बाद भी बस के पहिए हिले भी नहीं।
 
         आज़ाद मंच के मीडिया प्रभारी सुब्रत जाना ने बताया कि 10 करोड़ से अधिक की 4 एकड़ भूमि पर 5 करोड़ की लागत से बने सिटी बस टर्मिनल, कोनी में खड़ी सभी बसें पूरी तरह से कंडम हो चुकी हैं। लगभग 15 करोड़ की राशि बसों की देखरेख के नाम पर ही खर्च हो चुकी है। मामले में जांच की जरूरत है। शैलेष देवांगन  ने कहा कि सिटी बस संचालन नहीं होने से आम जनता को आर्थिक मार झेलनी पड़ रही है।
 
 क्रुज नहीं..सिटी बस की जरूरत
                 आज़ाद मंच प्रमुख विक्रान्त तिवारी ने बताया कि बिलासपुरवासियों को हवा हवाई सपने और तालाब में क्रूज होटल की नही…बल्कि सस्ती सिटी बस सेवा की जरूरत है। 2 सालो से आम जनता की तकलीफ का शासन प्रशासन का अहसास नहीं है। बिलासपुर शहरी सार्वजनिक यातायात सोसाइटी की एक बैठक भी अब तक नहीं हुई है। शहर के एक प्रतिशत लोगों की सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है। 8000 यात्रियों की हितो की अनदेखी को बर्दास्त नहीं किया जाएगा। आज़ाद मंच आमजनता के हितों को केन्द्र में सिटी संचालन शुरू करने के लिए प्रदर्शन करेगा।
 
                इस दौरान आज़ाद मंच के विजय सिंह राजपूत,सुनील वर्मा, सुब्रत जाना, दीपक राही,शैलेश देवांगन,लक्की कश्यप, धीरज त्रिपाठी,राजेश कश्यप, रामायण कश्यप, देवेन्द्र द्विवेदी,  मनोज ठाकुर,योगेश साहू,करन राव,संतोष श्रीवास,गोपाल सोनी,मुखी साहू,मोहन साहू उपस्थित रहे।
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