Barmer Rape Case: राष्ट्रीय महिला आयोग ने निष्पक्ष जांच के लिए Rajasthan DGP को लिखी चिट्ठी

Shri Mi
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Barmer Rape Case। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बाड़मेर दुष्कर्म मामले की निष्पक्ष और समयबद्ध जांच के संबंध में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजस्थान को पत्र लिखा है। मामला 6 अप्रैल का है। राजस्थान के बाड़मेर जिले में एक दलित महिला के साथ दुष्कर्म कर उसे आग के हवाले कर दिया गया था। पुलिस ने कहा कि पीड़िता ने शनिवार को जयपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में दम तोड़ दिया।

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राजस्थान के डीजीपी को लिखे अपने पत्र में, एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने मामले की निष्पक्ष और समयबद्ध जांच करने के लिए कहा है और अगर लगाए गए आरोप सही पाए जाते हैं, तो कानून के संबंधित प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए। घटना बाड़मेर जिले के पचपदरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत गुरुवार को हुई। पुलिस ने कहा कि मुख्य आरोपी की पहचान शकूर के रूप में हुई है और उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।

भाजपा ने तीन सदस्यीय समिति का किया है गठन

इस बीच, राज्य भाजपा ने मामले से संबंधित तीन सदस्यीय समिति का गठन किया। समिति में पाली सांसद पीपी चौधरी, विधायक जोगेश्वर गर्ग और महापौर वनिता सेठ शामिल हैं। राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ ने इस घटना की निंदा की और इसे राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के चेहरे पर धब्बा बताया।

राठौड़ ने कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है। राजस्थान में हर हफ्ते निर्भया जैसा मामला किसी न किसी जगह आकार ले लेता है। बालोतरा कांड में पीड़िता 24 घंटे अस्पताल में रही और लोगों के विरोध करने पर प्राथमिकी दर्ज की गई। उन्होंने आगे कहा कि एनसीआर के आंकड़ों के मुताबिक लगातार तीसरी बार महिलाओं से रेप के मामले में राजस्थान पहले नंबर पर रहा है।

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने भी राज्य सरकार पर साधा निशाना

इस बीच, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि अशोक गहलोत की सरकार में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा, “राजस्थान में यह कोई नई घटना नहीं है। एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा दिनदहाड़े एक दलित महिला के साथ बलात्कार किया गया, जिसने बाद में महिला को जिंदा जलाने की कोशिश की।”

शेखावत ने कहा, “महिला को तुरंत एक ऐसे अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां कोई बर्न यूनिट नहीं है। उसे 24 घंटे के बाद जोधपुर रेफर कर दिया गया और वहां इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई। अशोक गहलोत सरकार में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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