बीजेपी को भारी पड़ेगी डॉ.महंत पर टिप्पणी, त्रिवेदी ने पूछा छत्तीसगढ़ में 2 अक्टूबर से शराबबंदी का क्या हुआ….?

Chief Editor
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shailesh रायपुर ।  प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने रमनसिंह सरकार से पूछा है कि भाजपा सरकार बताये कि 2अक्टूबर से होने वाली शराबबंदी का क्या  हुआ ? एक बयान में ुन्होने कहा है कि  बेहतर होता अगर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताडॉ. चरण दास  महंत पर हमले करने की ओछी मानसिकता से उबरते हुये भाजपा प्रदेश कार्यसमिति ने नारी शुचिता के तमाम नारों और दावों के परिप्रेक्ष्य में भाजपा के सांसद द्वारा छत्तीसगढ़ की युवतियों के बारे में की गयी आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिये उन पर कार्यवाही कर भाजपा से निकाल बाहर करने का नैतिक साहस दिखाया होता । भाजपा सांसद की इस हरकत के लिये भाजपा कार्यसमिति को छत्तीसगढ़ के नारीजगत से क्षमा याचना करना चाहिए था।

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कांग्रेस महामंत्री शैलेश त्रिवेदी ने कहा है कि  किसानों को अपमानित और प्रताड़ित करने के बजाय भाजपा अपने चालचरित्र और चेहरे की चिंता करे ।किसानविरोधी भाजपा सरकार की कुचाल को डॉ महंत ने न केवल पहचाना बल्कि बेनकाब भी किया। किसानों को शराब आसानी से उपलब्ध कराके रमन सरकार की किसानों को दी गयी धान बोनस की आधी अधूरी राशि 2100 करोड़ पर भी नजर लगी हुई है।स्व बिसाहूदास महंत के बेटे को भाजपा छत्तीसगढ़ और किसानी के बारे में न बताये तो बेहतर होगा।

 त्रिवेदी ने स्पष्ट किया है कि डॉ महंत ने किसानों को शराबी नहीं बताया बल्कि उन्होने तो  भाजपा की पोल खोलकर रख दी। और पोल खुल जाने से बीजेपी बौखला गई है। ऐसे समय में डॉ.महंत की ओर से हकीकत उजागर करना  भाजपा को नागवार गुजरा है। अब दारू वाले बाबा बताएं  कि बोनस तिहार से ठीक पहले शराब दुकान का समय दो घंटा बढ़ाने और दोगुनी दारू खरीदने की छूट देने के पीछे उनकी मंशा क्या थी ?

त्रिवेदी ने कहा कि  डॉ चरणदास महंत ने आधा अधूरा बोनस बांट कर बोनस तिहार मनाने से ठीक पहले दारू बेचने वाली सरकार के इस  फैसले की मंशा पर सवाल उठाया था।और  सच्चाई भी  यही है कि दारू वाले बाबा बोनस का पैसा बांटकर शराब के जरिए वसूलना चाहते थे। खुद को किसान हितैषी बताने वाली भाजपा सरकार ने किसानों के साथ हमेशा छल कपट ही किया है। एक-एक दाना अन्न खरीदने, 2100 रुपया समर्थन मूल्य देने, हर साल बोनस देने का वादा कर किसानों के साथ विश्वासघात करने वालों की इस कुचाल को महंत ने न केवल पहचान लिया बल्कि बेनकाब भी कर दिया।

इसी से बौखला गयी है पूरी भाजपा और भाजपा कार्यसमिति की बैठक में सामान्य राजनैतिक शिष्टाचार को छोड़कर नाम लेकर डॉ चरणदास महंत के खिलाफ बातें की गयीं।छत्तीसगढ़ की माटी के लाडले सपूत डॉ चरणदास महंत पर टिप्पणी करना भाजपा कार्यसमिति को भारी पड़ेगा। भाजपा अपनी किसान विरोधी हरकतों के उजागर होने से बौखलाकर अपना संतुलन और राजनैतिक शुचिता ही भूला बैठी है।

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