बिलासा कला मंच का 30 वां ग्रामीण शिविर सिरपुर में… डॉ. बिबे सर्वसम्मति से अध्यक्ष मनोनीत

Chief Editor
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बिलासपुर।  छत्तीसगढ़ की साहित्य,कला,संस्कृति, पर्यावरण और जल के संरक्षण व् सवर्धन हेतु विगत 30 वर्ष से सतत क्रियाशील बिलासा कला मंच का 30 वां ग्रामीण शिविर (वार्षिक कार्यक्रम) 8 दिसम्बर को पौराणिक व् ऐतिहासिक नगर सिरपुर में आयोजित हुआ। जिसमें सर्व सम्मति से मंच की नई कार्यकारिणी का गठन करते हुए डॉ.सुधाकर बिबे को अद्यक्ष मनोनीत किया गया । साथत ही छत्तीसगढ़ की संसकृति को जानने -समझने और उसके संरक्षण की दिशा में पहल पर जोर दिया गया ।

             
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8 दिसम्बर को सुबह 7 बजे बिलासपुर से बस द्वारा मंच के सदस्यगण प्रस्थान किये। यात्रा के निर्धारित कार्यक्रम अनुसार सुबह 8 बजे मल्हार में माँ दिदिनेश्वरी देवी के दर्शन,स्वल्पाहार उपरांत दिन के 11,30 बजे सिरपुर (महासमुंद जिला) पहुचें। जहां बिलासा कला मंच के संस्थापक डॉ सोमनाथ यादव ने उपस्थित सभी सदस्यों का परिचय कराने के बाद वार्षिक समारोह की जानकारी दी ।  जिसमें नवीन कार्यकारिणी की घोषणा, 2019 के लिए सालभर की कार्यक्रम की रुपरेखा तय करना मुख्यतः बिलासा महोत्सव,मूर्खाधिराज अभिषेक व् हास्यकवि सम्मेलन, अरपा बचाओ अभियान, शरद उत्सव आदि प्रमुख समारोह की जानकारी दी गई ।

इसके पश्चात नवीन कार्यकारिणी का गठन सर्वसम्मति से किया गया  । जिसमें राजेन्द्र मौर्य को संयोजक, डॉ सुधाकर बिबे को अध्यक्ष, अश्विनी पांडेय को कोषाध्यक्ष, रामेश्वर गुप्ता को सचिव पद पर मनोनीत किया गया।सिरपुर के ग्रामीण शिविर आयोजन में बौद्धिक चर्चा, कवि गोष्ठी सहित अन्य विषय पर चर्चा हुई। यह आयोजन पूर्णतः पारिवारिक था,जिसमे पंजीकृत सदस्यगण सपरिवार बिलासा कला मंच के गणवेश में शामिल हुए।सभी सदस्यों ने सिरपुर के प्राचीन मंदिर लक्ष्मण मंदिर,गंधेश्वर मंदिर,अंतरराष्ट्रीय बाजार सहित सभी पुरातात्विक महत्व के स्थलों का अवलोकन किये।तत्पश्चात मंच के सदस्य तुरतुरिया स्थित प्रसिद्ध वाल्मिकी आश्रम का भी दर्शन कर वापस बिलासपुर आये। इस अवसर पर रायपुर से पहुंचे राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सचिव डॉ बी आर साहू ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए सिरपुर की ऐतिहासिकता को विस्तार से बताया ।कार्यक्रम का अध्यक्षता करते हुए डॉ अजय पाठक ने बिलासा कला मंच के साथियों से अपील करते हुए कहा कि हमें अपनी छत्तीसगढ़ के संस्कृति को जानना, समझना चाहिए और उसके संवर्धन, सरंक्षण का प्रयास करना चाहिए।ग्रामीण शिविर में विक्रम सिंह, अजय शर्मा,राघवेन्द्रधर दीवान,महेश श्रीवास, केवलकृष्ण पाठक,राजकुमार गिरि,जी डी पटेल,सतीश पांडेय, जी आर चौहान,नरेंद्र कौशिक,आनंद प्रकाश गुप्त,देवानंद दुबे,अश्विनी पांडेय,मनीष गुप्ता, विनोद गुप्ता,सूरज सोनी,दिलबाग सिंह,ओमशंकर लिबर्टी,रामकुमार श्रीवास,एस विश्वनाथ राव,एल पी यादव,अनूप श्रीवास, डॉ जगदीश कुलदीप,रतन जैसवानी,दिनेश्वर जाधव,नितेश पाटकर,श्रीकुमार पांडेय,केदार दुबे,चन्द्रशेखर यादव,सहदेव कैवर्त,राजेंद्र सूर्यवंशी, जवाहर भास्कर, थानुलाल लसहे,सतीश ठाकुर,राजेश साहू,गोपाल यादव, राजू रावल,महेंद्र सिंग ध्रुव,श्रीमती शोभा बिबे,कमलेश पाठक,मधु मौर्य,मंजू यादव,रश्मि गुप्ता, पूजा पांडेय, हीरामणि यादव,पुष्पा श्रीवास, अंजू श्रीवास, लेखनी जाधव सहित कई साहित्यकार और कलाकार शामिल हुए।

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