बिलासपुर – हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य शासन के निर्णय के अनुरूप कलेक्टर बिलासपुर ने ९० करोड़ रुपये की धन राशि रक्षा मंत्रालय की ट्रांसफर कर दी है और अब राज्य सरकार की ओर से ज़मीन वापसी के लिए कोई कार्यवाही शेष नहीं है.
समिति ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि अब केंद्र सरकार अपना कर्त्तव्य निभाए और तुरंत रक्षा मंत्रालय से बिलासपुर एयरपोर्ट के विकास के लिए १०१२ एकर ज़मीन वापस बिलासपुर कलेक्टर को सौंपे।
गौरतलब है की २०११ में १०१२ एकर ज़मीन सेना के ट्रेनिंग सेंटर और छावनी के लिए अधिग्रहित जी गई थी, परन्तु उस जगह का सेना के दवरा या रक्षा मंत्रालय के द्वारा कोई उपयोग नहीं किया गया ,ज़मीन बेकार पड़ी रही। २६ अक्टूबर २०१९ से ही जब से बिलासपुर एयरपोर्ट और हवाईसुविधा विकास का आंदोलन हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति के बैनर पर चालु हुआ
तब से ही इस ज़मीन की वापसी की मांग की जा रही थी. इसके लिए होग़ कोर्ट में आवेदन लगा कर सेना हेतु भूमि आवंटन को रद्द करने की मांग भी की गई थी क्योकि सेना ने ५ वर्ष के भीतर ज़मीन का कोई उपयोग नहीं किया और १० साल बीत जाने के साद ज़मीन बेकार पड़ी है।
समिति ने आज पैसा रक्षा मंत्रालय के खाते में जमा हो जाने के लिए मुख्यामंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि वो ऐसी ही त्वरित कार्यवाही की उम्मीद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी करते है जीने नवमेबर २०२१ में समिति का प्रतिनिधिमंडल
मिल कर यह मांग कर चूका है और उन्होंने सद्भावना पूर्ण कार्यवाही का भरोसा दिलाया था.
हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति का महा धरना आज भी जारी रहा और आगमन के क्रम से समीर अहमद, राघवेंद्र सिंह बोगो, दीपक कश्यप, केशव गोरख, मनोज तिवारी, संतोष पीपलवा, मोहसिन अली, रशीद बख्श, नरेश यादव, अकील अली, संतोष पीपलवा, शाहबाज़ अली, रामशंकर बघेल, अशोक भंडारी, अक़ील अली, रवि बनर्जी, महेश दुबे, अनिल गुलहरे नविन वर्मा, अमर बजाज, किशोरी लाल गुप्ता, चंद्र प्रकाश जैस्सवल, विकास जैस्वाल, प्रकाश बजाज, अभिषेक चौबे, रणजीत सिंह खनूजा, शिवा मुदलियार, रघुराज सिंह और सुदीप श्रीवास्तव शामिल थे.