लिपिक कर्मचारी संघ की चुनौती…सीसीएफ आदत सुधारें…या अांदोलन का करें सामना

BHASKAR MISHRA
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rohit_tiwari_cgबिलासपुर— मुख्य वन संरक्षक बी.आनंद बाबू के कार्य प्रणाली का छत्तीसगढ़ लिपिक शासकीय कर्मचारी संघ ने विरोध किया है। लिपिक संघ का आरोप है कि सीसीएफ आनँद बाबू से कर्मचारियों को टारगेट करते हैं। क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर कर्मचारियों का स्थानांतरण मनमानी तरीके से कर रहे हैं।

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                     छत्तीसगढ़ लिपिक कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री की अगुवाई में लिपिक संघ के कर्मचारियों ने सीसीएफ बी.आनन्द बाबू के मोर्चा खोल दिया है। रोहित तिवारी ने बताया कि बी.आनन्द बाबू अपने क्षेत्राधिकार से बाहर मनमानी तरीकेे से स्थानांतरण कर रहे हैं। बिलासपुर अम्बिकापुर मुंगेली समेत कई वन मंडलों मे लिपिक सेटअप के पदों को कम जयादा कर लिपिक कर्मचारियों को प्रताडित करते हैंं।

                  तिवारी ने बताया की मुख्य वन संरक्षक आनन्द बाबू की नियम विरूद्ध काम करने की आदत सी बन गयी है। एक बार फिर उन्होने नियमों को ताक पर रखकर अधिकार क्षेत्र से बाहर सीसीसएफ कार्यालय कर्मचारी हेमंत बघेल का स्थानांतरण अन्य डीडीओ कार्यालय मे किया है। जबकि डीडीओ कार्यालय मे पूर्व से ही स्वीकृत के अनुसार कर्मचारी हैं।

                    तिवारी के अनुसार शासन से अनुशंसा नहीं होने के बावजूद सेटअप से छेड़छाड़ नियम विरूद्ध है।  पदों को कम करना और अन्य वन मंडल मे प्रताड़ित करने के लिए कर्मचारियों का स्थानांतरण करना आनंद बाबू की आदत सी बन गयी है। जिसे किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा। रोहित के अनुसार स्थानांतरण नीति 2017 की कंडिका मे स्पष्ट है कि न्यूनतम से अधिकतम मे पद स्थापना किसी भी परिस्थति मे संभव नहीँ है। बावजूद इसके मुख्य वन संरक्षक ने शासन को बिना जानकारी दिये स्थानांतरण और संलग्नीकरण किया है।

                   जबकि संलग्नीकरण को शासन ने पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। पहले भी बी आनंद बाबू के खिलाफ महिला कर्मचारियों को परेशान करने का आरोप है। संघ ने जब विरोध किया तो सीसीएफ को झुकना पड़ा।  तिवारी ने बताया कि मुख्य वन संरक्षक की कार्यप्रणाली से कर्मचारियों में आक्रोश है। यदि विवादस्पद मामलो पर सकारात्मक कार्यवाही नहीँ हुई तो संघ आंदोलन के लिये मजबूर है।

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