शिक्षा विभाग में प्रभार वाद का बोलबाला…नियमों को ताक पर रखकर सौंपी जा रही बीईओ की जिम्मेदारी

Chief Editor
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(सीजीवाल पड़ताल):शिक्षा विभाग में बहुत सारे बहुत महत्वपूर्ण पदों पर प्रभार वाद के जरिए मनचाही पोस्टिंग देकर लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। लेकिन जब एजुकेशन में परफॉर्मेंस की बात आती है तो ऐसे ही प्रभारवाद वाले फिसड्डी साबित होते हैं जिससे न सिर्फ शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में विलंब होता है बल्कि प्रशासन में लालफीताशाही एवं भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है एवं योग्यता की बजाय लेनदेन करके प्रभार में पदस्थ ऐसे व्यक्तियों की रूचि अकादमिक और प्रशासनिक सुधार के बजाय लाभ कमाने में ज्यादा होती है और ऐसे लोग स्थानीय कार्यालयों के बाबुओं के संजाल में फंसकर एक से एक कारनामो को अंजाम देते रहते है। पिछले दिनों की बात है गौरेला विकासखंड में गिरीश चंद्र लहरें व्याख्याता एलबी (जो शिक्षा कर्मी वर्ग 1 से भर्ती हैं) वे मंत्रालय और डीपीआई में सांठगांठ कर विकास खंड शिक्षा अधिकारी बन बैठे।

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कुछ ही महीनो में अभद्र व्यवहार और पैसों के लेनदेन के मामले में संभागीय कमिश्नर द्वारा उन्हें निलंबित कर दिया गया लेकिन पुन: स्थानीय स्कूल से व्याख्याता को बीईओ का प्रभार दे दिया गया जबकि स्कूल शैक्षिक सेवा, भर्ती पदोन्नति नियम 2019 के प्रावधान में स्पष्ट कहा गया है कि व्याख्याता को बीईओ के पद पर नियुक्त नहीं किया जा सकता।इसी प्रकार नारायणपुर विकासखंड में खेमेश्वर पाणिगृही व्याख्याता होने के बावजूद भी बीईओ के पद पर कार्य कर रहे हैं। जिला नारायणपुर गोंडवाना समाज समन्वय समिति के द्वारा प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग को प्रेषित शिकायत पत्र में कहा गया है कि खेमेंश्वर पाणिगृही कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार करते हैं पैसे की वसूली के बिना कोई काम नहीं करते, दौरा निरीक्षण कार्यालय में कोई ध्यान नहीं देते, स्वत्व के भुगतान में उनके द्वारा अनावश्यक देरी की जाती है, सेवानिवृत्त हो चुके शिक्षकों से पेंशन के नाम पर पैसे की मांग की जाती है ऐसे अधिकारी को तत्काल हटाया जाना चाहिए।

नीति नियम बताते है कि विकास खंड शिक्षा अधिकारी का पद पदोन्नति संवर्ग से है। सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारियो और 5 वर्ष तक द्वितीय श्रेणी के प्राचार्य पद पर कार्य के अनुभवी को राजपत्र में विकास खंड शिक्षा अधिकारी बनाए जाने का उल्लेख है। इसके बावजूद राज्य के विभिन्न विकास खंडों में 50 से ज्यादा जगहों पर व्याख्याता प्रधान पाठकों को विकास खंड शिक्षा अधिकारी का प्रभार दे दिया गया है जबकि उसी कार्यालय में सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसी प्रकार राजीव गांधी शिक्षा मिशन में भी जिला मिशन समंन्वयक के पदों पर भी अटैचमेंट प्रभार वाद की आड़ में व्याख्याताओं के मनचाही नियुक्ति की जा रही हैै। आम व्याख्याता शिक्षको को सब्ज बाग दिखा कर जुगाड़ जंतर तंत्र मंतर कर यहाँ भी मुट्ठी भर लोग अटैचमेंट अटैचमेंट का खेल खेल रहे है।

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