नागरिकों से सीधा संवाद के लिए जनसंवाद परियोजना शुरू,सीएम ने कोरबा के परदेशीलाल को लगाया फोन

Shri Mi
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jansamvad_cg_cm_indexरायपुर।मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सोमवार को नया रायपुर में जनता से सीधे संवाद करने के लिये जनसंवाद परियोजना का शुभारंभ किया। परियोजना के अंतर्गत राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं एवं नीतियों पर जनता से फीडबैक लिया जाएगा।सीएम ने मंत्रालय महानदी भवन के समीप यूटिलिटी बिल्डिंग में स्थापित आधुनिक कॉल सेंटर से कोरबा जिले के रामपुर ग्राम पंचायत के आमाखोखरा गांव के ग्रामीण परदेशीलाल को फोन लगाकर शासकीय योजनाओं के बारे में उनकी प्रतिक्रिया ली।जनसंवाद परियोजना के अंतर्गत स्थापित कॉलसेंटर द्वारा नागरिकों से लगातार टेलीफोन के माध्यम से संपर्क कर जनकल्याणकारी योजनाओं के संबंध में फीडबैक प्राप्त किया जाएगा। इससे शासन को अपनी योजनाओं में आवश्यक सुधार का अवसर मिलेगा। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी स्थानीय भाषा में संकलित की जाएगी।जनसंवाद परियोजना में 300 से अधिक स्थानीय युवाओं को रोजगार प्राप्त हुआ है। नया रायपुर क्षेत्र के युवाओं को इस परियोजना के तहत रोजगार मिला है। जनसंवाद परियोजना से जनता एवं शासन के मध्य निकटता बढ़ेगी और शासकीय कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बढ़ेगी।

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                                                प्रदेश में चल रही कई योजनाओं की वास्तविक स्थिति की जानकारी शासन-प्रशासन को मिलेगी। जनसंवाद परियोजना के अंतर्गत नागरिकों से उनके सुविधाजनक समय में संपर्क किया जाएगा। इस परियोजना के क्रियान्वयन के लिये छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसायटी (चिप्स) को नोडल एजेंसी बनाया गया है।इस अवसर पर मुख्य सचिव विवेक ढांड, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह, एनआरडीए के सीईओ श्री मुकेश बंसल और चिप्स के सीईओ एलेक्स पॉल मेनन और संचालक जनसंपर्क राजेश सुकुमार टोप्पो भी उपस्थित थे।

                                              मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ी में संवाद करते हुए कहा कोन बोलत हव, कोन गांव ले बोलथो। हलो, मैं डॉ. रमन बोलथों। परदेशीलाल बोलथों साहब नमस्कार हो। मुख्यमंत्री ने कहा- राम-राम। मुख्यमंत्री-पीडीएस ले चावल मिलथे। केझन हो के सदस्य हो परिवार में। सात झन हन साहब। 49 किलो चावल मिलथे।  पूरा मिल जथे। हव मिल जथे। दुकान कोन चलाथे। दुकान सरपंच चलाथे। बने करथे की गड़बड़ करथे। धान बेंचे रेहेस पिछले साल। हमर खेती नई हे। बनीभूती वाले हन। नरेगा में जाथस। तोर कार्ड बने हे। कतिक दिन काम करे हस। 49 दिन काम करे हन, मजदूरी मिलगे। थोर-थार बांचेहे। बोरिेंग-वोरिंग के का काल हाल हे तोर गांव में। हां बोरिंग ल स्वीकृत करे हे। खुदरीगढ़ में कटघोरा करा महामाया मदिर हे तिही कर बोरिंग खोदाथे। नवा बोरिंग खोदाथे तिहां ले कतिक दूर हे तोर घर हा। तोर घर में शौचालय हे न। अभी बनथे। शौचालय पक्का बनवा तेंहा। बढ़िया बनवा। तुमन भीड़ हू तभे काम होही। साफ सुथरा शौचालय बनवा। गांव म स्कूल हे। लईका मन आमाखोखरा आथे। आंगनबाड़ी हे। तुहर घर नानमुन छोटे लईका हे। नहीं, एकझन कालेज पढ़थे अउ गुड़िया साक्षरता प्रेरक हे। गुड्डु कालेज पढ़थे । का विषय लेके पढ़थे। कामर्स लेके पढ़थे सर। भविष्य ओकर अच्छा रही अच्छा सब्जेक्ट हे। उज्ज्वला योजना में गैस सिलेंडर मिले हे। बारथस की छेना बारथस। चाय वाय पीयत होबे। बांकी छेना बारत होबे। दोनो ल बारथन। उज्ज्वला योजना बर मोदी जी ला धन्यवाद दो।
                                               इसके बाद संतराम ने अपनी बड़ी बेटी को फोन देते हुए मुख्यमंत्री से बात करने का आग्रह किया।हां बेटा अभी क्या कर रही हो। अभी साक्षरता प्रेरक में लगी हूं। पढ़ाई के गुणवत्ता कईसेहेे। पढ़ाई ठीक हे तुंहर गांव में। अपने गांव में हस की दूसर गांव में जाथस। अपनेच गांव में हंव। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा के कार्ड बन गे हे। उपयोग करे हाबो। पापा के हाथ के हड्डी खिसक गे रिहिस। आपरेशन होय रिहिस। ओकरे ईलाज कराये बर स्मार्ट कार्ड ल उपयोग करे हन। ईलाज म 32 हजार लगिसे। थोड़ा बहुत घर ले लगाए हन। तुंहर गांव में सब ठीक-ठाक हे पानी के व्यवस्था। तोर बाबूजी ल बता शौचालय ल जल्दी बनवाय क। शौचालय बनवाथन सर। 30 तारीख तक बन जाही। कब तक तोर गांव ओडीएफ हो जाही। थोड़ा टाईम लग सकत हे। दो-तीन महिना लग सकत हे। दीवाली के पहली बनना चाहिये बढ़िया पूरा गांव ल ओडीएफ करना है। सरकार के योजना तुंहर तक पहुंचथे कि नहीं। तुंहर का समस्या हे समाधान करे बर रायपुर म बईठके बात करथों। प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ मिले हे कि नही। नाम आगे हे अभी मिलही। हमर अभी मिट्टी के छोटे घर होबे। प्रधानमंत्री आवास योजना बहुत अच्छा योजना हे ज्यादा से ज्यादा लाभ लेना चाहिये। आंगनबाड़ी हे लईका आथे। 10-12 लईका हे। सहायिका जाथे। लईका मन ल पढ़ाथे खेल घलो कराथे। मध्यान्ह भोजन बनथे की नहीं। बनथे। मुख्यमंत्री ने बातचीत के अंत में कहा बहुत अच्छा लगिस बात करके।
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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