एक विकासखंड और एक शहर को बनाए शौचमुक्त-रमन

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clctrरायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को इस वित्तीय वर्ष के अंत तक (31 मार्च तक) प्रत्येक जिले में कम से कम एक विकासखंड को शत-प्रतिशत खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) विकासखंड बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए है कि 31 मार्च तक हर जिले में कम से कम एक शहरी क्षेत्र को भी खुले में शौचमुक्त नगरीय निकाय घोषित करने का लक्ष्य लेकर काम किया जाए।   डॉ. सिंह ने आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में स्वच्छ भारत अभियान के तहत हो रहे कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता वाला राष्ट्रीय मिशन है। हम सबकों मिलकर इस मिशन के तहत छत्तीसगढ़ में भी शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के लिए लगातार मेहनत करना होगा। कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में बताया कि राज्य के सभी 27 जिलों में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण ) के तहत अब तक 462 ग्राम पंचायतों को खुले में शौमुक्त ग्राम पंचायत घोषित किया जा चुका है। डॉ. रमन सिंह ने अधिकारियों को इस कार्य में और ज्यादा गति लाने के निर्देश दिए।

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सूखा प्रभावित किसानों को मुआवजा इस महीने की 31 तारीख तक अनिवार्य रूप से दिया जाए

                                कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में प्रदेश के किसानों और ग्रामीणों के लिए सूखा राहत कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा – इस बार किसानों को सूखे के कारण जो तकलीफ हुई है, उसे देखते हुए उन्हें राहत पहुंचाने के लिए हम सबको मिलकर बहुत मेहनत करने की जरूरत है। सूखा प्रभावितों को राहत पहुुंचाने के लिए राज्य सरकार ने कई अच्छे निर्णय लिए हैं, जिनका क्रियान्वयन हमें बेहतर ढंग से करना है। मुख्यमंत्री ने एक अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका ’टाईम मैग्जीन’ में मौसम वैज्ञानिकों के हवाले से छपि रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि ’अलनीनो’ का असर अगले दो साल तक और रहने की आशंका है, इसलिए भी हमें लगातार सतर्क रहने की जरूरत होगी। डॉ. रमन सिंह ने बैठक में प्रदेश के सभी 117 सूखा घोषित तहसीलों में राज्य शासन के निर्देशों के क्रियान्वयन के लिए उठाए जा रहे कदमों की भी समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों से कहा कि सूखा प्रभावित क्षेत्रों में राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत किसानों को मुआवजा वितरण सभी जिलों में इस महीने की 31 तारीख तक अनिवार्य रूप से कर दिया जाए।

प्रशासनिक अधिकारियों को अहंकार से बचने की सलाह

                             collectorकलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में जिला कलेक्टरों को संबोधित करते हुए भ्रष्टाचार रहित जवाब देह प्रशासन की जरूरत पर विशेष रूप से बल दिया। उन्होंने कहा कि जनता की प्राथमिकताएं ही सरकार की प्राथमिकता होती है, इसलिए सरकार की प्राथमिकताएं जिला कलेक्टरों की भी प्राथमिकता होनी चाहिए। डॉ. सिंह ने प्रशासन में पारदर्शिता और विनम्रता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा – यह अच्छी बात है कि  सभी जिला कलेक्टरों ने जनदर्शन कार्यक्रमों भी शुरूआत की है, शासन के निर्देशों के अनुरूप जिलों में जनसमस्या निवारण शिविर भी हो रहे हैं, लेकिन कलक्टरों इसके साथ ही सप्ताह में कम से कम एक दिन प्रत्येक सोमवार को दफ्तर में बैठकर जनता और जनप्रतिनिधियों से मिलना चाहिए और धैर्य तथा विनम्रता से उनकी बाते सुननी चाहिए। प्रशासनिक अधिकारियों को अहंकार से बचना चाहिए। लोगों की समस्याओं के निराकरण के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को जनप्रतिनिधियों के सम्मान का पूरा ध्यान रखने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि क्या काम हो सकता है और क्या नहीं यह अलग विषय है, लेकिन यह संदेश नहीं होना चाहिए कि कलेक्टरों के यहां सुनवाई नहीं होती। यदि जनता का कोई कार्य कलेक्टर के स्तर पर नहीं हो पा रहा हो तो प्रकरण को विनम्रता के साथ आगे भेजना चाहिए।

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