गौठानों में आजीविकामूलक गतिविधियों की धीमी गति पर तल्ख हुए कलेक्टर

Shri Mi
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धमतरी/ गोधन न्याय योजना की साप्ताहिक समीक्षा बैठक आज सुबह कलेक्टर श्री पी.एस. एल्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें कलेक्टर ने जिले के सक्रिय गौठानों और आवर्ती चराई में गोबर खरीदी, जैविक कम्पोस्ट निर्माण व उनका विक्रय तथा आजीविकामूलक कार्य-प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान बहुआयामी गतिविधियों के संचालन के संबंध में उद्यानिकी, पशुपालन और मछलीपालन विभाग द्वारा अपेक्षाकृत धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर करते हुए कलेक्टर ने इस सप्ताह से सभी स्वीकृत गौठानों में कार्य प्रारम्भ करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। साथ ही जमीनी स्तर पर सतत् मॉनीटरिंग करने के लिए निर्देशित किया।आज सुबह कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कलेक्टर ने ग्रामीण क्षेत्र के सक्रिय गौठानों के साथ-साथ नगरीय निकायों के गौठानों में भी प्रतिदिन औसतन गोबर खरीदने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने गौठानवार गोबर खरीदी की समीक्षा करते हुए स्वीकृत गौठानों में अभिसरण से उद्यानिकी विभाग के तहत बाड़ी विकास एवं मशरूम उत्पादन, पशुपालन विभाग के अंतर्गत बकरीपालन एवं मुर्गीपालन तथा मत्स्यपालन विभाग के तहत मछलीपालन में तेजी लाने कलेक्टर ने सप्ताह भर के भीतर प्रगति लाने के सख्त निर्देश दिए।

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गौठानों में खोदे गए टैंकों में मछली बीज नहीं डाले जाने पर कलेक्टर ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इसके लिए उपयुक्त समय के बाद ब्रीडिंग करने पर सही नतीजे नहीं आएंगे। इसलिए मौसम की अनुकूलता के अनुसार विभाग के अधिकारी अपने कार्य सम्पादित करें, तभी सार्थक परिणाम परिलक्षित होंगे। गौठानों में चूजे और अण्डे के उत्पादन उपरांत उन्हें स्थानीय स्तर पर विपणन सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। इसी तरह सब्जी भाजी उत्पादन एवं अन्य अंतरवर्तीय फसलों को गौठान में प्राथमिकता से फसल लेने के लिए कलेक्टर ने जोर दिया। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि गौठानों में समुचित संसाधनों की उपलब्धता के लिए संबंधित जनपद पंचायत/नगर पंचायत के सीईओ/सीएमओ होंगे।

बैठक में जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रियंका महोबिया ने स्वीकृत गौठानों में बोरखनन एवं अन्य संसाधनों की उपलब्धता की समीक्षा गौठानवार करते हुए काम के साथ-साथ गौठान पोर्टल में ऑनलाइन एंट्री करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए।बैठक में उप संचालक कृषि ने बताया कि जिले में 342 सक्रिय गौठान हैं जिनमें 334 ग्रामीण और शेष आठ नगरीय निकायों में स्थित है जहां पर अब तक कुल 4 लाख 8 हजार 86 क्विंटल गोबर खरीदा गया है। इससे 74 हजार 333 क्विंटल वर्मी खाद और 9 हजार 543 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि तैयार खाद में से 61 हजार 26 क्विंटल खाद क्विंटल वर्मी खाद (82 प्रतिशत) और 5 हजार 285 क्विंटल सुपर कम्पोस्ट (55 प्रतिशत) का विक्रय किया जा चुका है। यह भी बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्र के 164 गौठानों के 177 समितियों के द्वारा मुर्गीपालन, बकरीपालन, मछलीपालन, मशरूम उत्पादन, बाड़ी विकास का कार्य किया जा रहा है। इसी तरह वन क्षेत्र में स्थित आवर्ती चराई गौठानों की जानकारी देते हुए बताया कि जिले में कुल 48 गौठान हैं जिनमें से 41 सक्रिय गौठान हैं। इनमें धमतरी विकासखण्ड में 10, मगरलोड में 5 और नगरी में 26 आवर्ती चराई वाले गौठान हैं। बैठक में अपर कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक सहित कृषि एवं संबद्ध विभागों के अधिकारी एवं गौठानों के नोडल अधिकारी उपस्थित थे।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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