एस्ट्रोटर्फ पर सीआरबी का गोलमोल जवाब…कहा गोल्फ मैदान को किया नोटिस…रेल सुरक्षा पहली प्राथमिकता

BHASKAR MISHRA
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IMG20180108182408बिलासपुर— चेयरपर्सन ऑप रेलवे बोर्ड अश्वनी लोहानी पत्रकारों से रूबरू हुए। कुछ प्रश्नों को टाल दिया तो कुछ को  बचाकर निकल गए। लोहानी ने बताया कि रेलने बोर्ड का मुख्य लक्ष्य साफ सफाई,सुरक्षा, गाड़ियों का समय पर परिचालन और यात्रियों को बेहतर सुविधा देना है। रेलवे प्रशासन लगातार काम कर रहा है। अश्वनी लोहानी ने बताया कि देश में बिलासपुर रेलवे जोन को सबसे साफ सुथरा माना गया है।

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                            सीआरबी अश्वनी लोहानी ने बताया कि रेलवे दुर्घटनाओं को कमी आई है। पिछले साल की तुलना में इस साल 40 प्रतिशत से अधिक दुर्घटना में कमी आयी है। रेल प्रशासन सुरक्षा मानकों को बेहतर करने के साथ दुर्घटनाओं को पूरी तरह से रोकने का प्रयास में तेजी से आगे बढ़ रहा है। रेलवे में अपराध कम नहीं हो रहा है के सवाल पर लोहानी ने बताया कि सुरक्षा जवान बेहतर काम कर रहे हैं। प्रश्न को जीआरपी और आरपीएफ पर केन्द्रित कर बताया कि सुरक्षा को बेहतर बनाया जा रहा है। सवाल के जवाब में लोहानी ने बताया कि किराया तो बढ़ाया नहीं गया है लेकिन जनरल कोच की कमी पर उन्होने संतोषप्रद जवाब नहीं दिया।

कहां गया एक करोड़ 75 लाख

              कमाऊ जोन के साथ हर कदम पर अन्याय हो रहा है..सवाल पर लोहानी ने बताया कि ऐसा कुछ नहीं है। बिलासपुर जोन का तेजी से विकास हो रहा है। 2010 में बिलासपुर में एस्ट्रोटर्प के लिए 5 करोड़ मिले। बावजूद इसके हाकी मैदान नहीं बनाया गया। 2017 में ढाई ढाई करोड़ रूपया रायबरेली और चेन्नई के बीच बांट दिया गया। व्जाज का एक करोड़ 70 लाख रूपए कहां है। लोहानी ने बताया कि इसकी जानकारी नहीं है। उन्होने कहा कि जवाब सीपीआरओ और जीएम देंगे। जब बिलासपुर में पांच करोड़ से एस्ट्रोटर्फ नहीं बन सकता तो रायबरेली और चेन्नई में ढाई-ढाई करोड़ में एस्ट्रोटर्फ कैसे बनेगा के सवाल को सीआरबी ने टाल दिया।

                           पत्रकारों ने सीआरबी को बिलासपुर रेल जोन में होने वाले तमाम भ्रष्टाचार के बारे में जानकारी दी। पत्रकारों ने बताया कि एस्ट्रोटर्फ नहीं होने से जोन के खिलाड़ी प्रशिक्षण के लिए रायपुर और रांची जाते हैं। सवाल को सीआरबी ने गंभीरता से लिया। लेकिन कहा कुछ नहीं। पत्रकारों ने जानना चाहा कि पांच साल से पैसा आ गया है। लेकिन दूसरा एक्लेटर अभी तक क्यों नहीं बना। एक बार फिर लोहानी ने सवाल को टाल दिया। उन्होने एक सवाल के जवाब में बताया कि गोल्फ मैदान के मुद्दे को नोटिफाई कर लिया हूं। मामला क्या है समझेंगे।

मामला ज्यूडिसरी में…कुछ कहना अनुचित

            प्रमोटी अधिकारियों में असंतोष और रिवर्ट के सवाल पर लोहानी ने बताया कि मामला ज्यूडिशरी में है इसलिए कुछ कहना अनुचित होगा। पत्रकारों ने सवाल किया कि जब भर्ती गाइडलाइन में स्पष्ट है कि रेलवे के पदों पर पचास पर्तिशत सीधी भर्ती होगी। बाकी पद प्रमोशन से भरे जाएंगे। बावजूद इसके प्रमोटी अधिकारियों की बातों को क्यों नहीं सुना जा रहा है। लोहानी ने सवाल को दुबारा टाल दिया। जब देश के 29 कैट ने प्रमोटियों के समर्थन में फैसला किया है तो ऐसे में मात्र पटना कैट के फैसले को क्यों महत्व दिया जा रहा है। लोहानी ने फिर ज्यूडिशरी का हवाला देकर सवाल का जवाब नहीं दिया।

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