मूल छत्तीसगढिय़ा होने की परिभाषा फिर बदली,अब यह जरूरी

Shri Mi
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रायपुर।राज्य सरकार ने सातवीं बार स्थानीय निवासियों की परीक्षा का नए सिरे से निर्धारण किया है। इससे पहले राज्य सरकार ने जून 2003, अगस्त 2003, जून 2007, सितंबर 2007, मई 2010 एवं सितंबर 2021 को भी परिभाषा में संशोधन किया था। अब की बार जून 2003 के निर्देशों में संशोधन किया गया है। इसके मुताबिक स्थानीय निवासियों की कंडिका 6-क एवं ख में संशोधन किया गया है। इसके अनुसार कक्षा पहली, चौथी एवं पांचवी और कंडिका ग में कक्षा पहली-चौथी पांचवी जोड़ा गया है। यह संशोधन पिछले दिनों हुई बैठक में कैबिनेट ने मंजूर किया है।सचिव जीएडी डॉ. कमलप्रीत सिंह द्वारा जारी आदेश अनुसार अस्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाने के वर्तमान नियमों को तर्क संगत बनाने की जरूरत है।जिससे प्रदेश के बाहर के व्यक्ति छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र बनाकर अनावश्यक लाभ ले न सके। इसके मुताबिक इसी संस्था में प्रवेश के लिए या शासन के अधीन सेवा के लिए डिग्री या पीजी, 10वीं-12वीं के साथ आठवीं के स्थान पर पहली, चौथी, पांचवी की परीक्षा छत्तीसगढ़ के स्कूल से पास होना अनिवार्य है।

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By Shri Mi
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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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