DA की मांग के लेकर गोलबंद हो रहे कर्मचारी संगठन,बेमुद्दत हड़ताल पर जाने की चेतावनी

Chief Editor
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बिलासपुर: । झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले बुधवार को केबिनेट की बैठक में राज्य के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की है। पूर्व में जिन्हें 31 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा था ,उसे बढ़ाकर 34 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी तरह पेंशन भोगियों को भी महंगाई भत्ता बढ़कर मिलेगा।जिसकी वजह से पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को दुगनी पीड़ा हो रही है। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि सबको पता है कि झारखंड की आर्थिक स्थिति की अपेक्षा छत्तीसगढ़ की आर्थिक स्थिति काफी बेहतर है । हमारा छत्तीसगढ़ समृद्ध है। फिर छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों के साथ इस बढ़ी हुई महंगाई में आर्थिक अन्याय क्यो हो रहा है … ? इसे लेकर पूरे प्रदेश के कर्मचारी जगत में आक्रोश है ।

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हाल ही में राज्य के कर्मचारीयो ने रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पुरानी पेंशन लागू किए जाने पर आभार और सम्मान के बहाने डीए और एचआरए बढ़ाने के लिए मांग भी रख चुके हैं । जिसे पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री ने आश्वासन भी दिया था। जिस पर भरोसा टूटता हुआ दिखाई दे रहा है। इसी वजह से महंगाई भत्ता संघर्ष मोर्चा के बैनर तले राज्य के 32 कर्मचारी संगठन 11 से 13 अप्रैल तक तीन दिवसीय आंदोलन धरना प्रदर्शन प्रदेश के जिला मुख्यालय में कर चुके है।

जानकारी देते हुए कर्मचारी नेता जाकेश साहू ने बताया कि महंगाई भत्ता संघर्ष मोर्चा के आव्हान पर प्रदेश के सभी 28 जिला मुख्यालयों में एक लाख से ऊपर कर्मचारियों ने सरकार पर जमकर हल्ला बोला था। मोर्चा के प्रदेश संयोजक ओपी शर्मा, अनिल शुक्ला, संजय तिवारी ,जाकेश साहू ने संयुक्त रूप से कहा है कि महंगाई भत्ते एवं एचआरए सहित कर्मचारियों के विभिन्न मुद्दे पर प्रदेश भर के 500 कर्मचारियों का एक जत्था आगामी मई माह में देश की राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन करेगा । फिर भी राज्य सरकार यदि 17 प्रतिशत लम्बित महंगाई भत्ता एवं एचआरए का आदेश अतिशिघ्र जारी नहीं करती है तो आने वाले दिनों में प्रदेश भर के साढे तीन लाख कर्मचारी अनिश्चितकालीन आंदोलन में चले जाएंगे।

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