कैबिनेट मीटिंग में पूरी नहीं हुई शिक्षकों की उम्मीद,संविलियन से पहले सेवा की गणना पर स्पष्ट आदेश नहीं होने से नुकसान उठा रहे शिक्षक

Shri Mi
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रायपुर।बढ़ती हुई महंगाई के बीच छत्तीसगढ़ सरकार की सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक और उसके निर्णय से प्रदेश के कर्मचारियों वर्ग में गहरी निराशा हुई इसकी बड़ी वजह मंहगाई भत्ता पर कोई निर्णय नहीं लिया गया प्रदेश के कर्मचारी चाहते थे कि केंद्र व अन्य राज्य अपने कर्मचारियों को 31 प्रतिशत मंहगाई भत्ता प्रदान कर रहे है जबकि छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को मात्र 17 प्रतिशत DA ही मिल रहा है। वही एल्बी संवर्ग के शिक्षको पर भी पुरानी सेवा की गणना पर भी कोई स्पस्ट निर्णय नही आया है सहायक शिक्षक , शिक्षक के प्रमोशन में 5 वर्ष की सीमा को हटाकर 3 वर्ष किये जाने से पूर्व की सेवा अवधि की गणना भी अब झोल झाल का शिकार हो गई है।जबकि शिक्षक संघ चाहते थे कि संविलियन के पूर्व की सेवा अवधि की गणना की जानी चाहिए थी।

             
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छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव धर्मेश शर्मा व प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने प्रेस नोट में बताया कि सोमवार को DA की घोषणा न होने को सभी कर्मचारियों को हताश हुई है। वही प्रमोशन में 5 वर्ष की सीमा को हटाकर 3 वर्ष किये जाने से बड़ी संख्या में सहायक शिक्षक और शिक्षक लाभान्वित होंगे किंतु उनकी पुरानी सेवा की गणना नही होने से वे बड़े नुकसान उठाने जा रहे हैं,यदि पुरानी सेवावधि की गणना की जाती है तो प्रमोशन से वंचित सभी को क्रमोन्नति/समयमान का लाभ मिलता इसलिए सरकार को शिक्षको को प्रमोशन के साथ-साथ क्रमोन्नति/समयमान भी दिया जाना चाहिए इसके अलावा पदोन्नति में 3 वर्ष के शिथलीकरण निर्णय में सहायक शिक्षक,शिक्षक का तो उल्लेख है किंतु व्याख्याता का त्रुटिवश उल्लेख नही है जिसे आदेश में सुधारा जाना चाहिए।

छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने जानकारी देते हुए बताया कि 14 प्रतिशत DA पीछे होने से प्रदेश के प्रत्येक कर्मचारी और उनके परिवारजन को 4000 रुपये से 10000 रुपये तक प्रतिमाह आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। एक ओर राजनीतिक पार्टियां मंहगाई के मुद्दे पर एक दूसरे पर दोषारोपण कर रही हैं वहीं अपने कर्मचारियों को मंहगाई भत्ता जो कि उनका अधिकार है,कोई उपहार नही को भी देने से वंचित रख कर अन्याय कर रही है। जल्द ही लंबित DA को एरियर्स सहित देना चाहिए।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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