शिक्षकों ने उठाए पदस्थापना पर सवाल..वरिष्ठों पर कनिष्ठों को तवज्जो..सीईओ ने कहा सूची मे पारदर्शिता

BHASKAR MISHRA
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IMG-20170829-WA0044बिलासपुर—छ्तीसगढ पंचायत एवं नगर निगम शिक्षक संघ ने युक्तियुक्तिकरण प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग की है। अच्छी खासी संख्या में पहुंचे शिक्षकों ने जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी पारिहा आलम सिद्धिकी को लिखित शिकाय कर कहा कि पदस्थापना प्रक्रिया में भारी विसगतियों हुई हैं। इसलिए पदस्थापना आदेश को तत्काल निरस्त किया जाए। शिक्षकोंं के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पिछली बार युक्तियुक्तिकरण की कार्रवाई के बाद इस बार शिक्षकों का अतिशेष होना समझ से परे है। फारिहा आलम ने शिक्षक प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि मामले को गंभीरता से लिया जाएगा।
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                                          पंचायत और नगर निगम शिक्षक संघ बिलासपुर ने जिला पंचायत सीईओ,कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को बताया कि पदस्थापना में भेदभाव किया गया है। पदस्थापना में कई विसंगतिया हैं। इसलिए पदस्थापना आदेश को निरस्त किया जाना चाहिए।

                            सीईओ फारिहा आलम को शिक्षकों ने बताया कि पदस्थापना प्रक्रिया में युक्तियुक्तकरण का पालन नहीं किया गया है। अतिशेष की प्रक्रिया मे केवल शिक्षक पंचायत संवर्ग को ही शामिल किया गया है। शासकीय शिक्षकों को छोड़ दिया गया है। ऐसा लगता है कि पंचायत शिक्षकों के साथ शासन स्तर पर भेदभाव किया जा रहा है।

                                  प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि 204-15 में युक्तियुक्तकरण की कार्रवाई हुई थी। फिर इस बार अतिशेष कहां से पैदा हो गए। दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाए। शिक्षकों के अनुसार कला विषय के शिक्षक को विक्षान का शिक्षक बनाकर  दूसरी जगह भेज दिया गया। संकुल में रिक्त पद होने के बाद भी दूसरे संकुल और ब्लाकों में भेजा गया। दर्ज संख्या के अनुसार शिक्षकों को समायोजित नहीं किया गया है।

                    IMG-20170829-WA0048शिक्षकों के अनसुार जिस विषय के शिक्षकों को हटाया गया उसके स्थान पर उसी विषय के शिक्षकों खाली जगह में लाया गया है। कनिष्ठ शिक्षकों को वरिष्ठों पर प्राथमिकता दी गयी है। भाषा और कला समूह के वरिष्ठ शिक्षकों को अतिशेष मानकर भाषा के कनिष्ठ शिक्षकों को रोका गया है। इस दौरान एक दर्जन से अधिक शिकायतों का जिक्र करते हुए शिक्षक प्रतिनिधि मंडल ने जांच के बाद दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

                     प्रतिनिधिमंडल में जिला अध्यक्ष संतोष सिंह,प्रांतीय सचिव मनोज सनाड्य,सुभाष त्रिपाठी,नर्मदा गढ़ेवाल, वासुदेव पाण्डेय साधेलाल पटेल,कमलेश साहू,मंजूबाला जायसवाल,कविता साहू,विजया दुबे,उमा सोनी,हर्षलता,संतोषी,मधु शर्मा समेत कई लोग शामिल थे।

यूडाइज से हुआ फैसला

                  जिला पंचायत सीईओ फारिहा आलम ने बताया कि अतिशेष का निर्धारण शासन के आदेश के अनुसार निर्धारित होता है।यूडाइज सिस्टम से अतिशेष शिक्षकों की सुूची तैयार होती है। ऐसा होता है कि संबधित स्कूल में वरिष्ठ पर कनिष्ठ को प्राथमिकता मिल गयी हो। भाषा शिक्षक के अलावा अन्य शिक्षक भी प्रभावित हुए हों। चूंकि यह निर्धारित सिस्टम और पारदर्शिता के साथ अतिशेष की सूची तैयार होती है। इसलिए गड़बड़ी की आशंका बहुत कम है। मामले में शासन को अवगत कराया जाएगा। शिक्षक प्रतिनिधिमंडल की शिकायतों को गंभीरता के साथ लिया जाएगा।

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