भाजपा का बड़ा आरोप-सरकार द्वारा पंजीयन में रकबा कम करने अधिकारियों पर दबाव की आशंका

Shri Mi
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रायपुर।किसानों को धान बेचने के लिए पंजीयन करवाने में अनेक प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कठिनाइयों को देख कर ऐसा लगता है मानो भूपेश सरकार ने ये तय कर लिया है कि किसानों को हैरान परेशान करके एनकेन प्रकरेण धनहा का रकबा कम कर धान खरीदी से बचा जाय। भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी संदीप शर्मा ने उक्त आरोप लगाते हुए कहा कि खरीदी, बिक्री, बटवारा आदि के चलते किसानों के भूमि की रकबा में कमी बढ़ोतरी स्वाभाविक है। वर्तमान सत्र में भी किसानों के रकबा कब और अधिक हुए हैं।

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जिन किसानों के रकबा खरीदी, बिक्री , बटवारा के कारण कम हुए हैं ,पंजीयन रिकार्ड में उनके रकबा भुंइया पोर्टल के आधार “ऑटोमेटिक” कम कर दिए गए हैं, और जिन किसानों के रकबा बढ़े हैं और जो भुइँया पोर्टल में भी साफ साफ दिख रहा है उनके रकबा पंजीयन रिकार्ड में बढ़े हुए नही दिख रहे हैं जबकि किसानों ने अपने बढ़े रकबे की जानकारी,और नए पंजीयन हेतु आवेदन भी सहकारी समितियों में दिए है।

समिति के ऑपरेटरों को प्राप्त निर्देशानुसार ऐसे बढ़े रकबों के पंजीयन के लिए, और नए पंजीयन के लिए “एकीकृत किसान पोर्टल” में पृथक से एंट्री भी किया गया था परंतु अब उस पोर्टल में किसानों के पंजीकृत भूमि गायब दिख रहे हैं इससे न केवल किसान वरन समिति के ऑपरेटर भी परेशान हैं।

किसान मोर्चा प्रभारी संदीप शर्मा ने कहा कि इस प्रकार की गड़बड़ी को सीधा सीधा किसानों के साथ षड्यंत्र बताते हुए कहा कि जिन किसानों के दो अलग अलग समितियों में धान बेचने पंजीयन किया गया है उसमें भी भारी गड़बड़ी हुई है किसानों के कृषि भूमि के रकबा दोनों समिति में अलग अलग न दिखाया जा कर किसी एक समिति में ही दिखा रहा है। और यह सब “एकीकृत किसान पोर्टल” के कारण होता प्रतीत होता है।

किसान नेता शर्मा ने ऐसी गड़बड़ी पर भूपेश सरकार की मंशा पर सवालिया निशान लगते हुए कहा कि इन गड़बड़ी को कैसे सुधारा जाय इस पर समिति के ऑपरेटरों को कोई तकनीक जानकारी नही है , और न ही तहसील मॉड्यूल के पंजीयन प्रकिया में कोई समाधान है। एनआईसी तक पहुँचना किसानों के वश की बात नही। कुल मिलाकर नए पंजीयन करवाने वाले, पंजीयन में संशोधन कर रकबा बढ़ाने वाले, और जिन किसानों के दो समितियों में पंजीयन हैं ,ऐसे किसान इस बार की पंजीयन प्रणाली से परेशान हैं और इस सब के पीछे “एकीकृत पोर्टल” का मकड़जाल दिखता है।

भाजपा किसान मोर्चा प्रभारी संदीप शर्मा ने पंजीयन कार्य मे लगे अधिकारियों ,कर्मचारियों पर सरकार द्वारा रकबा कम करने के दबाव की आशंका व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे से ऐसी गड़बड़ियों को तत्काल सुधरवाने की मांग करते हुए कहा कि आखिर किसान इन्हें सुधरवाने कहाँ कहाँ भटकेगा, वह तो सिर्फ समिति में ही जाकर अपनी बात कह, बता सकता है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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