बिलासपुर—गुरूघासी दास केन्द्रीय विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में ब्रदरहुड को भारी सफलता मिली है। अध्यक्ष प्रत्याशी मृगेन्द्र शर्मा समेत ब्रदरहुड पैनल के उम्मीदवारों ने सभी पदों पर कब्जा किया है। ब्रदरहुड के मुकाबले महागठबंधन पैनल को हार का सामना करना पड़ा है। ब्रदरहु़ड पैनल नेताओं की माने तो छात्र संघ चुनाव में कुलपति ने महागठबंन को परोक्ष रूप से समर्थन किया है। बावजूद इसके छात्रों ने ब्रदरहुड के सभी उम्मीदवारों पर ना केवल विश्वास जताया। बल्कि बाहरी हस्तक्षेप को एक सिरे से नकार दिया है।
गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय में आज छात्र संघ चुनाव में चार पदों के लिए वोटिंग हुई। वोटिंग में 9 अध्ययनशाला के 31 विभागीय प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। ब्रदरहुड पैनल नें छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस,एबीव्हीपी,एनएसयूआई और निर्दलियों के महागंठन पर एक तरफा जीत हासिल की महागंठबंधन को करारी हार का सामना करना पड़ा है।
भारतीय जनता युवा मोर्चा समर्थित पैनल ब्रदरहुड ने सभी पदों पर भारी अन्तर जीत हासिल की। केन्द्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष सिद्धार्थ शुक्ला और नितेश साहू ने बताया कि विभागीय चुनाव में विश्वविद्यालय के छात्रों ने ब्रदरहुड कन्डीडेट को भारी संख्या में जीताकर भेजा। छात्रों के सहयोग से सभी पदों पर ब्रदरहुड के उम्मीदवारों ने कब्जा कर लिया है।
केन्द्रीय विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में 31 प्रतिनिधियों ने वोटिंग की। अध्यक्ष पद पर मृगेन्द्र शर्मा को कुल 18 वोट मिले। उपाध्यक्ष पद प्रत्याशी विकास शर्मा को 30, सचिव और सहसचिव पद के उम्मीदवार शैलेश और मुकेश साहू को 18- 18 वोट मिले है।
सिद्धार्थ शुक्ला और ब्रदरहुड चुनाव संयोजक आदर्श दुबे ने बताया कि विश्वविद्यालय के छात्रों ने ब्रदरहुड की कार्यशैली पर लगातार चौथी बार विश्वास जताया है। ब्रदरहुड का उद्देश्य अनावश्यक नेतागिरी करना कभी नहीं रहा है।ब्रदरहुड़ छात्र नेताओं ने बताया कि हमारा मुख्य उद्देश्य छात्रहित को ध्यान में रखते हुए प्रबंधन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर विश्वविद्यालय हित में काम करना है।
कुलपति पर महागठबंधन को समर्थन देने का आरोप
ब्रदरहुड के एक छात्र नेता ने बताया कि कुलपति का महागठबंधन को परोक्ष रूप से समर्थन हासिल था। एबीव्हीपी के नेता चुनाव के कुछ दिन पहले गार्ड और प्राध्यापकों से मारपीट की। शिकायत के बाद शिकायत करने पहुंचे निवर्तमान छात्र अध्यक्ष सिद्धार्थ शुक्ला को कुलपति ने नोटिस थमा दिया। विश्वविद्यालय में धारा 144 का महौल पैदा किया गया। इतना ही नहीं कुलपति ने गार्ड और प्राध्यपकों से मारपीट करने वाले बाहरी छात्र नेताओं को केबीन में बैठाकर चाय पिलाया।
ब्रदरहुड छात्र नेता ने बताया कि विश्वविद्यालय में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। लेकिन कुलपति को विश्वविद्यालय में काम करना पसंद नहीं है। उन्हें लल्लो चप्पो करने वाले लोग कुछ ज्यादा ही बहुत पसंद है। यदि ऐसा नहीं होता तो एबीव्हीपी के बाहरी छात्र नेताओं को केबीन बैठाकर चाय नहीं पिलाती। जबकि ऐसे लोगों को पुलिस के हवाले किया जाना था। छात्र नेता के अनुसार अंजिला गुप्ता ने चुनाव से ठीक एक दिन पहले चुनाव अधिकारी पर एबीव्हीपी समर्थित प्रतिनिधि को लाभ पहुचाने का दबाव बनाया था।