उरतुम में 5 सदस्यीय टीम करेगी गायब जमीन की जांच..कांग्रेस नेता को विभाग से अभयदान.जांच से महत्वपूर्ण खसरा बाहर…संदेह की गुंजाइश बरकरार

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर– उर्तुम स्थित सैकड़ों एकड़ सरकारी जमीन गायब होने मामले में काफी हो हंगामा के बाद अतिरिक्त तहसीलदार ने जांच का आदेश दिया है। सरकारी जमीन की जांच पांच सदस्यीय टीम करेगी। रिपोर्ट अतिरिक्त तहसीलदार के सामने पेश किया जाएगा।
 
              उर्तुम स्थित सैकड़ों एकड़ जमीन गायब होने की लगातार खबर सामने आने के बाद अतिरिक्त तहसीलदार ऋचा सिंह ने पांच सदस्यीय टीम का गठन किया है। टीम में दो आरआई और तीन पटवारी को शामिल किया गया है।
 
                    बिलासपुर अतिरिक्त तहसीलदार ऋचा सिंह ने उरतुम की सरकारी जमीन रकबा 44.070 हेक्टेयर में से रकबा 12.405 हेक्टेयर पर अवैध कब्जा मा्मले में जांच का आदेश दिया है। टीम गठन के साथ अतिरिक्त तहसीलदार ने माना कि ग्रामीणों ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया है। अवैध कब्जे की जांच करने वाली पांच सदस्यीय टीम में दो रिवेन्यू इंस्पेक्टर और तीन पटवारी को शामिल किया है। जांच के लिए गठित संयुक्त दल गांव जाकर निस्तार पत्रक से मौका कब्जा मिलाकर 29 अप्रैल से पहले अतिरिक्त तहसीलदार के न्यायालय को प्रतिवेदन पेश करेगा।
 
तहसीलदार के जांच आदेश में ख.न.530/1 का उल्लेख नही*
 
      अतिरिक्त तहसीलदार ने जांच दल गठन के आदेश पत्र में माना कि उरतुम के खसरा नम्बर 282,283 एवं 284 में जेसीबी से मेढ़ बनाकर ग्रामीणों ने अवैध रूप से कब्जा किया है।  लेकिन उन्होंने खसरा नम्बर 530/1 जिसमे शहर कांग्रेस के एक बड़े बिल्डर नेता ने करीबियों को सामने रखकर सरकारी जमीन के एक बड़े हिस्से में अवैध रूप कब्जा कर सड़क और मकान बनाया है।  उस खसरा नम्बर का जांच आदेश पत्र में उल्लेख नही है । इससे साफ जाहिर है कि कांग्रेस नेता के अवैध कब्जे वाली फार्म हाउस को संरक्षण देकर बचाने में लगे है।
 
उरतुम की सरकारी जमीन के जांच दल में ये है शामिल
 
अतिरिक्त तहसीलदार द्वारा गठित पांच सदस्यी जांच दल में राजस्व निरीक्षक मोपका निखिल झा,राजस्व निरीक्षक बैमा मनीष शुक्ला,उरतुम पटवारी सुरेश शर्मा,खैरा (ल) पटवारी सूरज प्रकाश प्रधान और  मोपका पटवारी जीत कुमार पटेल की संयुक्त टीम उरतुम की सरकारी जमीन में अवैध कब्जे की जांच करेंगी।
 
अवैध कब्जे का सीजी वॉल ने उठाया मुद्दा
 
       उरतुम के खसरा नम्बर 282,283,284 एवं 530/1 सहित गांव के 150 एकड़ अन्य सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा का मुद्दा सीजीवाल ने गंभीरता से उठाया था।
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