DA,HRA, पदोन्नति जैसे मुद्दों का बजट में उल्लेख नही

Shri Mi
3 Min Read

रायपुर : छत्तीसगढ़ का बहुप्रतीक्षित अंतिम बजट आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 6 मार्च को पेश कर दिया है। प्रदेश के कर्मचारियों को इस अंतिम बजट से बहुत उम्मीदें थी। राज्य के कर्मचारियों के मुताबिक वर्तमान सरकार ने अपने जनघोषणा पत्र में कर्मचारियों के लिए बहुत सारे वादे किए थे उसमें से अब तक पेश किये गए न ही अब तक के किसी भी बजट में उन वादों को पूर्ण करने हेतु कोई प्रावधान नहीं किया गया। छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कर्मचारियों की निराशा को व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार को कम से कम अपने जनघोषणा पत्र में किये गए वादों को पूरा करना था। जिसमे उन्होंने वादा किया है कि प्रदेश कर्मचारियों को केंद्र के बराबर मंहगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के अनुरुप भत्ता प्रदान किया जायेगा किंतु अभी तक इसे पूर्ण नही किया गया। पदोन्नति से वंचित शिक्षक एल बी संवर्ग को क्रमोन्नत्ति प्रदान करने का भी वादा था पर यह भी पूर्ण नही हुआ। विभिन्न संवर्ग के वेतन विसंगति को दूर करने का वादा था किंतु इसका तो उल्लेख ही बजट में नही किया गया। हम लगातार पूर्व सेवा गणना कर समस्त लाभ दिए जाने की मांग कर रहे है लेकिन इसकी भी अनदेखी की गई है। दिवंगत शिक्षाकर्मी की विधवा बहनों से किया अनुकम्पा नियुक्ति का किया गया वादा भी पूर्ण नही किया गया। प्रदेश के समस्त कर्मचारी अत्यंत निराश है कि आज बजट में उनकी कोई मांग नही मानी गई है।

Join Our WhatsApp Group Join Now

प्रदेश महासचिव धर्मेश शर्मा ,कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी और प्रांतीय प्रवक्ता जितेंद्र शर्मा ने बताया कि यह छत्तीसगढ़ सरकार का अंतिम बजट था,कर्मचारियों की विभिन्न अपेक्षाएं सरकार से थी किंतु वह सभी अधूरी रह गई जिससे कर्मचारियों में निराशा व्याप्त है। कम से कम जनघोषणा पत्र में किये वादों को पूर्ण करना था। उम्मीद जताते हैं कि मुख्यमंत्री यथासमय अनुपूरक बजट लाकर हमारी मांगो को पूर्णता प्रदान करेंगे। पर जो भी वादे पूरे किए जाने है जल्द ही किये जाने चाहिए क्योंकि देर से मिला न्याय भी अन्याय की श्रेणी में आता है

प्रदेश के समस्त प्रांतीय,जिला,ब्लाक पदाधिकारियों तथा समस्त शिक्षक एल बी संवर्ग ने जल्द ही सभी मांग पूर्ण करने की मांग मुख्यमंत्री से की है।

By Shri Mi
Follow:
पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
close