सामूहिक इस्तीफा के बाद जेल भरो अभियान…संविदा कर्मचारियों ने बताया…नियमितिकरण की जगह दिया जा रहा एस्मा का तोहफा

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- सामुहिर इस्तीफा के बाद सर्व विभागीय संविदा कर्मचारियों ने अब रायपुर मैें जेल भरो आंदोलन का एलान किया है। संगठन के नेता श्याम दुबे ने बताया कि पहली बात तो सरकार ने 2018 मे किए गए वादे को पूरा नहीं किया। जब हमने अधिकार मांगा और वादा दिलाया तो…सरकार ने तानाशाही करते हुए एस्मा लगा दिया।  संगठन ने फैसला किया है कि प्रदेश के सर्वविभागीय संविदा कर्मचारी इस्तीफा के बाद अब रायपुर पहुंचकर जेल भरेंग

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सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के नेता श्याम दुबे ने बताया कि सरकार ने संविदा कर्मचारियों के साथ धोखा किया है। साल 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित किए जाने का वादा सरकार ने किया था। आज तक किसी भी संविदा कर्मचारी को सरकार ने नियमित नहीं किया है। हमने अपनी मांग को लेकर जब हड़ताल किया तो सरकार ने कर्मचारियों पर एस्मा लगा दिया है

दुबे ने बताया कि सरकार की दमनकारी नीतियों से हम झुकने वाले नहीं है। हमने पहले सामुहिक इस्तीफा दिया। फिर फैसला हुआ है कि प्रदेश के सभी संविदा कर्मचारी रायपुर पहुंचकर जेल भरेंगे। सरकार भी यही चाहती है कि हमें जेल भेजा जाए

संगठन के नेताओं ने बताया कि हम भी किसान के परिवार से है। दो क्विंटल ज़्यादा धान ख़रीदकर कांग्रेस सरकार सोचती है कि सरकार बना लेंगे। यदि ऐसा है तो सरकार की बहुत बड़ी ग़लतफहमी  है । किसान खेती करके अपने बच्चे को पढ़ाता – लिखाता है। काबिल बनाकर डॉक्टर/इंजीनियरिंग/ वकील बनाता है। सरकार संवीदा में नौकरी पर रखती हैं। इस बात की पीड़ा किसानों को है।

हमअपराधी नहीं है फिर भी हमारे ऊपर एस्मा जैसे कार्यवाही की बात कही जा रही है। हमने कोविड काल में अपनी जान दांव पर लगाकर लोगों को बचाया है। जान बचाने की कीमत अस्मा के रूप में मिला है।

संवीदा कर्मचारी नियमितीकरण पर ठोस फैसला  आने तक आंदोलन जारी रखेंगे। पौने पांच साल बीत जाने के बाद भी नियमितिकरण के संबंध में निर्णय नहीं लिया है।

2018 में चुनाव पूर्व जनघोषणा पत्र में आश्वासन मिला था कि सरकार बनते ही 2019 में संविदा कर्मचारियों  को नियमित किया जाएगा। पांच सात बीतने को हैं लेकिन हमें आज तक नियमतित नहीं किया गया है।

यदि सरकार ने 10 दिनों के भीतर अपना वादा नही पूरा किया तो हम जनता के बीच पहुंचकर सरकार की वादा खिलाफी को ना केवल बताएंगे। बल्कि  वोट नहीं देने की अपील भी करेंगे।

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