बिलासपुर । कृषकों एवं कृषक समूह में नाबार्ड एफ.पी.ओ. के माध्यम से कृषि एवं कृषि पर आधारित उत्पादनों में बढ़ोत्तरी ला सकती है। इसके लिए स्थानीय संभावनाओं को देखें और समुदाय तक पहुंच बनाएं। उक्त बातें सोमवार को संभागीय कमिश्नर सोनमणि बोरा ने होटल कोर्टयार्ड मेरियट में आयोजित ट्रेनिंग प्रोग्राम आन आइडेन्टीफिकेशन फाइनेंसिंग आॅफ प्रोड्यूसर आर्गेनाइजर्स फार नाबार्ड आफिसर कार्यक्रम में कही।
श्री बोरा ने कहा कि कृषक एवं कृषक समूहों को प्रोत्साहित कर नाबार्ड द्वारा संचालित एफ.पी.ओ. आर्थिक तकनीकी एवं विपणन संबंधी ज्ञान देकर उन्हें उत्पादन के लिए प्रोत्साहित कर सकती है। उन्होंने कहा कि कृषि पर आधारित उत्पादनों में दुग्ध व्यवसाय, रेशम-कोसा, सिल्क उत्पादन, मशरूम जैसे उत्पादनों को आर्थिक मदद कर तथा उनके उत्पादनों को बाजार उपलब्ध करा सही मूल्य दिलाकर मजबूत कर सकते हैं। इसके लिए जिला पंचायत, जनपद-ग्राम पंचायत के माध्यम से कृषि समूहों को एकजुट किया जा सकता है। इसके लिए प्रशासन हर संभव प्रयास करेगी।
कार्यक्रम में ओ.पी. मिश्रा, डीजीएम एसबीआई ने कहा कि पिछले कई वर्षों की तुलना में काफी परिवर्तन हुआ है। किसानों के लिए अनेक योजनाएं संचालित है। विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सहायक सिद्ध होगा। कार्यक्रम में डीजीएम नाबार्ड स्टाफ काॅलेज लखनउ सुनील मिश्रा, डीजीएम नाबार्ड लखनउ के.आई.शेरीफ, डीजीएम नाबार्ड बिलासपुर कोमल पटनाईक ने भी अपने विचार रखें।
उल्लेखनीय है कि उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में 20 राज्यों के नाबार्ड के अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में संभागायुक्त को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित नामार्ड के सभी प्रदेश के अधिकारियों ने अपने राज्य में एफ.पी.ओ. के संबंध में विस्तृत जानकारी एवं नाबार्ड द्वारा किये गये कार्यों के बारे में जानकारी दी।
किसानों के प्रोत्साहन से बढ़ेगी पैदावार
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