बिलासपुर । लिंगियाडीह-मोपका में सरकारी जमीन पर बेजा-कब्जा की जांच को लेकर संभागीय कमिश्नर सोनमणि बोरा ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। सोमवार को इस संबंध में जांच दल को तलब कर जांच में गति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन्होंने शासकीय जमीन को दबाकर रखें हैं, उनके विरूद्ध न्यायालय में प्रथम दृष्टया प्रकरण दर्ज करें और शासकीय जमीन को मुक्त करें। साथ ही जो सही लोग हैं, उन्हें किसी की तरह की परेशानी न हो।
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एफआईआर कराने कहा
संभागायुक्त श्री बोरा ने आज कमिश्नर कार्यालय के सभाकक्ष में लिंगियाडीह-मोपका जमीन के जांच दल में शामिल अधीक्षक भू-अभिलेख, तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक एवं पटवारियों की बैठक ली। अब यह जांच दल अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी जे.पी.मौर्य के मार्गदर्शन में कार्य करेंगे।
संभागायुक्त के समीक्षा के दौरान संबंधित अधिकारियों ने बताया कि लिंगियाडीह में 70 खातेदारों की लगभग 185 एकड़ जमीन थी । जिसके वर्तमान में 1248 टुकड़े हो चुके हैं। यहां के शासकीय जमीन का मिलान नहीं हो पा रहा है। यहां से संबंधित कुछ नामांतरण पंजी भी गायब हैं। इस पर संभागायुक्त ने निर्देशित किया कि जिनके अभिरक्षा में नामांतरण पंजी था। उसके विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराएं और इसका प्रतिवेदन अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी को दें। उन्होंने प्रारंभिक तौर पर बड़े खातेदारों के जमीनों का सीमांकन कर भू-राजस्व रिकार्ड से मिलान कराने के निर्देश दिए। संभागायुक्त ने कहा कि अपने जमीन से ज्यादा क्षेत्र में काबिज है तो उन्हें नोटिस देकर बेदखल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी स्थिति निर्मित न हो, इसके लिए पुख्ता कार्यवाही करें। इसके पूर्व संभागायुक्त ने माह फरवरी में भी संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक निर्देश दिये हैं। टीम द्वारा अब तक वहां के चैहद्दी तैयार कर ली गई है। इसके लिए उन्होंने उनकी सराहना भी की। संभागायुक्त ने यहां की जांच समयसीमा पर पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इसी तरह संभागायुक्त ने ग्राम मंगला के जमीन के शिकायत को भी गंभीरता से लेते हुए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। बैठक में अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी जे.पी. मौर्य, अधीक्षक भू-अभिलेख पुजारी, तहसीलदार उरांव तथा संबंधित आर.आई., पटवारी मौजूद थे।