भाजपा कार्यालय में महर्षि वाल्मिकी जयंती,समाज के लोगों का सम्मान, हर्षिता ने कहा – कर्म से ही होती है व्यक्तित्व की पहचान

Chief Editor
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बिलासपुर । जिला भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा ने धर्मग्रंथ रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती भाजपा कार्यालय करबला रोड बिलासपुर में मनाई । इस अवसर पर वाल्मीकि समाज के बंधुओं का शाल श्रीफल भेंट कर सम्मान किया।
कार्यक्रम में उपस्थित मस्तूरी विधायक डॉ.कृष्णमूर्ति बांधी ने पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं को महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती पर बधाई देते हुए कहा कि वाल्मीकि जी का जन्म रत्नाकर के रूप में हुआ था, जो कभी डकैत थे। नारद मुनि से मिलने से के बाद एक अच्छे इंसान और भगवान राम के भक्त में बन गये। वर्षो के ध्यान अभ्यास के बाद वह इतना शांत हो गये कि चींटियों ने उसके चारों ओर टीले बना लिए। नतीजतन, उन्हें वाल्मीकि की उपाधि दी गई, जिसका अनुवाद एक चींटी के टीले से पैदा हुआ है। वाल्मीकि जी ने नारद मुनि से भगवान राम की कथा सीखी, और उनकी देखरेख में, उन्होंने काव्य पंक्तियों में भगवान राम की कथा लिखी, जिसने महाकाव्य रामायण को जन्म दिया।
पूर्व सांसद लखनलाल साहू ने कहा कि पौराणिक कथाओं के अनुसार जब श्रीराम ने माता सीता का त्याग किया था। इस दौरान वह कई वर्षों तक वाल्मीकि आश्रम में रही थी, और यही पर माता सीता ने लव और कुश को जन्म दिया था। व्यक्ति के कर्म ही उसकी महानता का निर्धारण करते हैं। कोई भी व्यक्ति अच्छे या बुरे के रूप में पैदा नहीं होता है।
महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पाण्डेय ने वाल्मीकि जयंती की बधाई देते हुए कहा कि व्यक्ति के कर्म ही उसके व्यक्तित्व को परिभाषित करता हैं, इसलिए, अच्छा कीजिए और एक दयालु इंसान बनिए। हमारे कार्य हमारे चरित्र और हमारे जीवन की रूपरेखा तैयार करते हैं। हमें उन्हें अच्छा रखने की अनुमति दें। हम अपने कर्मो से ही अपना जीवन निर्धारित करते है, श्री राम और महर्षि वाल्मीकि का आशीर्वाद सभी पर सदा रहे।
अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला प्रभारी किशोर राय ने कहा कि संस्कृत भाषा के प्रथम महाकाव्य की रचना करने के कारण महर्षि वाल्मीकि जी को आदिकवि भी कहा जाता है। महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण का कई भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है।
कार्यक्रम में वाल्मीकि समाज के अध्यक्ष विकास सीहोते ने जयंती की बधाई देते हुए वाल्मीकि जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके व्यक्तित्व एवं कृतृत्व के बारे में बताया एवं कहा कि वाल्मिकि समाज को हमेशा भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का सहयोग मिलता रहा है और आगे भी मिलता रहेगा।
अनुसूचित जाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश सूर्या ने कहा कि पौराणिक ग्रंथों के अनुसार महर्षि वाल्मिकी के द्वारा ही हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण महाकाव्य की रचना की गई थी। वाल्मिकी जी द्वारा संस्कृत भाषा में लिखी गई रामायण की सबसे प्राचीन माना जाता है।
कार्यक्रम का संचालन मोर्चा जिला महामंत्री योगेश बोले ने किया व आभार व्यक्त मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश सूर्यवंशी ने किया। इस मौके पर युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष निखिल केशरवानी, प्रमोद सागर, जितेन्द्र अंचल, सुधीर ललपुरे, सुनिल चौहान, मनोज राही, रूद्रवंश कस्तुरिया, लखन तांबे, अनिल नवरंगे, बाबी पात्रे, सुकृता गोयल, राजा चौहान, लक्ष्मीनारायण टंडन, विरेन्द्र कौशिक, जवाहर बांधेकर, मनोज बांधेकर, सोनू मेहरोलिया, अनिल डागोर, नितीन पाल, चिराग डागोर, नवीन लाहोरीया, हीरा सिंग मेहरोलीया, हेमंत गोदरे, नरेश गोदरे, मंजीत पारचे, अतुल सिहोते, शैलेश सिहोते हनि सिहोते, अशोक महरोलिया, अमित राजचौहान सहित मोर्चा के पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे।

             
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