बिलासपुर—- शासन के आदेश पर जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग ने लिमतरा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को बर्खास्त कर दिया है। जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरेश सिंह ने बताया कि जांच पड़ताल के दौरान आशा शर्मा की तरफ से गंभीर प्रकार के आरोप पाए गये हैं। आशा शर्मा ने शासन के आदेश को गंभीरता से नहीं लिया है । यह जानते हुए भी कि प्रदेश इस समय विषम परिस्थितिोयों से गुजर रहा है। बावजूद इसके उन्होने ना केवल पूरक पोषण आहार वितरण से मना किया बल्कि शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का भी काम की है।
पूरक पोषण आहार वितरण से मना करने और आंगनबाड़ी केन्द्र संचालन में भारी लापरवाही के आरोप में लिमतरा आंगन बाड़ी कार्यकर्ता आशा शर्मा को बर्खास्त कर दिया गया है। शासन के आदेश पर जिला कार्यक्रम अधिकारी सुरेश सिंह ने बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि मस्तूरी क्षेत्र के लिमतरा में आशा शर्मा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं। परियोजना अधिकारी मस्तुरी के प्रतिवेदन से जानकारी मिली कि आशा शर्मा ने महामारी के दौरान पूरक पोषण आहार वितरण करने से मना किया है। जबकि शासन ने 21 मार्च के एक आदेश में स्प्ष्ट किया है कि पूरक पोषण आहार वितरण अत्यावश्यक सेवा में है।
सुरेश सिंह ने बताया कि प्रतिवेदन के माध्यम से जानकारी मिली कि आशा शर्मा ने ना केवल पूरक पोषण आहार वितरण से मना किया। बल्कि अन्य लोगों को भी भड़का कर शासकीय काम में बाधा पहुंचाने की भी कोशिश करती पायी गयी हैं। मस्तूरी सीडीपीओं के प्रतिवेदन के आधार पर जांच पड़ताल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पर लगाए गए सभी आरोप सही पाए गएं है। इसके अलावा यह भी जानकारी मिली कि आशा शर्मा ने आंगनबाड़ी केन्द्र संचालन में भारी लपरवाही भीकी है। मामले की जानकारी रायपुर को दी गयी। शासन के निर्देश पर लिमतरा आंगनबाड़ी केन्द्र कार्यकर्ता आशा शर्मा को पद से पृथक कर दिया गया है।
बताते चलें कि आंगनबाड़ी केन्द्र से पूरक पोषण आहार वितरण को अत्यावश्यक सेवाओं में शामिल किया है। लिमतरा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आशा शर्मा को नाफरमानी का खामियाजा भुगतना पड़ा है।