रायपुर । देश के लगभग पांच सौ महापौरों ने छत्तीसगढ़ के शहरों को खुले में शौच मुक्त बनाने संबंधी कार्ययोजना को विस्तार से जाना। शुक्रवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित अमृत मिशन व स्मार्ट सिटी मिशन पर आयोजित कार्यशाला के दूसरे दिन छत्तीसगढ़ के नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव आर.पी. मंडल ने राज्य के शहरों को शौच मुक्त बनाने संबंधी कार्ययोजना पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू व देश के विभिन्न राज्यों से आये महापौर व नगर निगम के आयुक्तगण भी उपस्थित थे।
आर.पी मंडल ने बताया कि, आज से कुछ वर्ष पूर्व राज्य के 169 शहरी स्थानीय निकायों में लगभग 2.4 लाख शौचालय बनाना एक कठिन स्वप्न की तरह दिख रहा था। परंतु कुशल राजनैतिक नेतृत्व व प्रशासनिक प्रतिबद्धता के चलते राज्य के शहरों को खुले में शौच मुक्त बनाने पर एक कार्ययोजना तैयार की और पहले ही वर्ष लगभग 1.5 लाख से अधिक शौचालय बनाये गये। उन्होंने बताया कि, इसके पूर्व राज्य में निर्मल ग्राम योजना के तहत गांवों में 12 लाख के करीब शौचालय बनाये गये थे। परंतु इनका अनुभव काफी खराब रहा। उन्होंने कहा कि गांव में शौचालय तो बन गये थे परंतु इनका शत-प्रतिशत उपयोग नहीं हो रहा था।
श्री मंडल ने कहा कि शौचालय निर्माण उतना कठिन नहीं है जितना कि, उसे चलाना। अर्थात इसकी सफलता तभी बनेगी जबकि, लोग उसका शत-प्रतिशत उपयोग करें। उन्होंने बताया कि, कैसे हमने इस योजना को सफल बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार की। श्री मंडल ने कहा कि हमनें राज्य के सभी संभागीय मुख्यालयों में सभी प्रशासनिक अधिकारियों , नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों , प्रबुद्धजनों आदि की इस विषय पर बैठक बुलाई। और उनसे यह जाना कि शौचालय का क्यों शत-प्रतिशत उपयोग नहीं हो पाता। हमें इन बैठकों से तीन प्रमुख बातें जानने मिली जिनके सही होने पर शौचालय का शत-प्रतिशत उपयोग संभव था। पहला कि, सभी घरों में पानी की सौ प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित हो, दूसरा ऊपर से इस योजना को जबरन लोगों के ऊपर न थोपा जाएं वरन उन्हें इस दिशा में स्वतः प्रेरित किया जाये। तीसरा शौचालय निर्माण का कार्य बड़े-बड़े ठेकेदारों को न देकर स्थानीय लोगों से ही इसका निर्माण कराया जाये।
आर.पी. मंडल ने कहा कि, हमने इस दिशा में आ रही सभी रूकावटों को दूर करते हुए राज्य की कैबिनेट से यह निर्णय पारित हुआ कि, अब राज्य के हर घर में शौचालय व हर घर में नल होगें। छत्तीसगढ़ के 14 नक्सल प्रभावित जिलों के दूरस्थ क्षेत्रों भोपालपट्नम, कोंटा, बीजापुर, दंतेवाड़ा जहां पर नल-जल योजना के तहत पानी पहंचाना एक कठिन चुनौती था वहां हमनें सोलर ट्यूबवेल के माध्यम से पानी की व्यवस्था कर वहां शौचालय का निर्माण किया है।