Monkeypox वायरस को लेकर मोदी सरकार अलर्टः जारी की गाइडलाइंस, पढ़िए क्या कहते हैं ताजा निर्देश

Shri Mi
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कोरोना वायरस के बाद मंकीपॉक्स रोग फैलने की आशंका के चलते केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने परामर्श जारी करते हुए लोगों से सतर्कता बरतने को कहा है। मंगलवार को जारी परामर्श में मंत्रालय ने खास तौर पर अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को अफ्रीकी जंगली जंतुओं का मांस खाने या पकाने, या अफ्रीका के जंगली जानवरों से बने क्रीम, लोशन और पाउडर जैसे उत्पादों का उपयोग करने से दूर रहने को कहा है।

             
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मंत्रालय ने इसके अलावा, त्वचा पर घाव वाले या गुप्तांगों में घाव वाले बीमार लोगों के नजदीक जाने से बचने की भी सलाह दी है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी ‘मंकीपॉक्स रोग के प्रबंधन पर दिशानिर्देश’ में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए भी परामर्श को शामिल किया गया है। इसमें यह सुझाव दिया गया है कि इन यात्रियों को मृत या जीवित चूहे, गिलहरी तथा बंदर सहित छोटे स्तनपायी जंतुओं के करीब जाने से बचना चाहिए।

इसने बीमार लोगों द्वारा इस्तेमाल किये गये कपड़े, बिस्तर या स्वास्थ्य संस्थानों में उपयोग की गई सामग्री या संक्रमित जंतुओं के संपर्क में आये लोगों से दूर रहने की सलाह दी है। परामर्श में कहा गया है कि उन्हें सतर्क रहना चाहिए खासतौर पर उन देशों से आने वालों को जहां मंकीपॉक्स के मामले सामने आये हैं।

मंत्रालय ने कहा कि प्रभावित देशों में पिछले 21 दिनों में यात्रा करने वाले लोगों के यात्रा विवरण की जांच करनी चाहिए। साथ ही, हवाईअड्डों और बंदरगाहों से चिह्नित अस्पतालों तक उनको भेजने की व्यवस्था को तुरंत मजबूत किया जाना चाहिए। इससे बीमारी फैलने की आशंका को कम करने में मदद मिल सकेगी।

मंकीपॉक्स क्या है?
मंकीपॉक्स, मंकीपॉक्स वायरस के कारण होने वाली एक दुर्लभ बीमारी है, जो चेचक की तरह ही है। हालांकि, आमतौर पर यह ज्यादा गंभीर बीमारी नहीं है। यह एक ऑर्थोपॉक्सवायरस है, जो वायरस का एक जींस है, जिसमें वेरियोला वायरस भी शामिल है, जिसके चलते चेचक होता है। इसी परिवार के वैक्सीनिया वायरस का इस्तेमाल चेचक के टीके में किया गया था। आम तौर पर मध्य और पश्चिम अफ्रीका के दूरदराज के हिस्सों में होने वाला यह वायरस पहली बार 1958 में बंदरों में पाया गया था। इंसानों में पहली बार यह मामला 1970 में दर्ज किया गया था।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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