नईदिल्ली।मोदी कैबिनेट ने शुक्रवार को तीन तलाक रोकने, कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने, लेदर सेक्टर को बूस्ट करने के लिए अहम फैसले लिए। साथ ही कैबिनेट ने भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) की जगह पर एक राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के गठन से संबंधित विधेयक को शुक्रवार को मंजूरी दी।केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘एमसीआई की जगह राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के गठन के लिए यह विधेयक लाया गया है। यह पूरे चिकित्सा तंत्र को ठीक करने के लिए है।’ भारत में चिकित्सा शिक्षा की एकरूपता व उच्च मानकों के लिए एमसीआई एक संवैधानिक संस्था है। यह विधेयक पारित होने के बाद एमसीआई की जगह लेगा।सरकार के सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक में चिकित्सा शिक्षा के नियमन के लिए चार स्तरीय संरचना की परिकल्पना की गई है।
मुस्लिम समुदाय में तीन तलाक को अपराध की श्रेणी में रखने और ऐसा करने पर तीन साल जेल की सजा के प्रावधान वाले विधेयक को केंद्रीय कैबिनेट ने शुक्रवार को मंजूरी दी। सरकार ने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय में महिलाओं की गरिमा व सुरक्षा को संरक्षित करना है।विधेयक में तीन वर्ष की सजा का प्रावधान है और अगर कोई मुस्लिम व्यक्ति तीन तलाक का प्रयोग करता है तो उसपर जुर्माना भी लगाया जाएगा। इस मामले को सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने ‘असंवैधानिक व मनमाना’ बताया था। अदालत ने यह भी कहा था कि तीन तलाक इस्लाम का अभिन्न अंग नहीं है।
इलेक्ट्रॉनिक भुगतान को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार अब 2000 रुपये मूल्य तक लेन-देन पर लागू मर्चेट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) को अगले दो वर्ष की अवधि के लिए वहन करेगी।इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी, कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद के मुताबिक, केंद्र सरकार अब 2000 रुपये मूल्य तक के सभी डेबिट कार्ड/भीम यूपीआई/आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) लेन-देन पर लागू मर्चेट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) को वहन करेगी।रविशंकर प्रसाद ने कैबिनेट की बैठक के बाद कहा, ‘देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने आज एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। इसके तहत 2,000 करोड़ रुपये के लेन-देन पर अब सरकार द्वारा व्यापारियों और बैंकों को प्रतिपूर्ति की जाएगी।’
केंद्रीय कैबिनेट ने शुक्रवार को चमड़ा व फुटवियर क्षेत्र में रोजगार सृजन के लिए विशेष पैकेज को मंजूरी दी। इस पैकेज में 2017-18 से लेकर 2019-20 तक के तीन वित्त वर्षों के दौरान 2600 करोड़ रुपये के स्वीकृत व्यय के साथ ‘भारतीय फुटवियर, चमड़ा एवं सहायक सामान विकास कार्यक्रम’ का कार्यान्वयन शामिल है।कैबिनेट की बैठक में राष्ट्रीय आयुष मिशन को 01 अप्रैल, 2017 से 31 मार्च, 2020 तक जारी रखने को मंजूरी दी गई। इस पर तीन वर्ष के अवधि के दौरान 2400 करोड़ रुपये का लागत-खर्च आएगा। मिशन की शुरूआत सितंबर, 2014 में की गई थी।