क्या है नेशनल हेराल्ड केस, जिसमें राहुल गांधी से ED कर रही पूछताछ? सोनिया गांधी को भी भेजा गया समन

Shri Mi
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What is National Herald Case: नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से करीब 10 घंटे तक पूछताछ की है. जानकारी के मुताबिक ईडी (ED) की पूछताछ में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ज्यादातर सवालों पर कोई जवाब नहीं दिया. इस मामले में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी समन किया गया है लेकिन वो अभी कोरोना से पीड़ित हैं. यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) कंपनी बनाने और उसकी फंडिग को लेकर कोई जवाब नहीं दिया गया. इसके साथ ही एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) को कांग्रेस पार्टी की तरफ से 90 करोड़ रुपये का लोन दिए जाने और AJL को यंग इंडिया को बेचे जाने की प्रक्रिया से जुड़े सवालों पर भी राहुल गांधी चुप्पी साधे रहे.

             
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नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (Associated Journals Limited) नाम की कंपनी करती थी. इस कंपनी को साल 1937 में ही बनाया गया था. ये देश की स्वतंत्रता से पहले का अखबार है. इसमें नेहरू के अलावा सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानी भी शेयरहोल्डर्स थे. यानी ये कंपनी किसी एक या कोई विशेष व्यक्ति के नाम पर नहीं थी. आजादी के लिए आंदोलन के दौरान ये अखबार स्वतंत्रता सेनानियों की आवाज बन गया था. इस रिपोर्ट में आज विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर ये पूरा मामला क्या है?

क्या है नेशनल हेराल्ड?
आजादी के लिए संघर्ष के दौरान नेशनल हेराल्ड स्वतंत्रता सेनानियों की आवाज बुलंद कर रहा था. नेहरू संपदकीय के जरिए ब्रिटिश सरकार की नीतियों की आलोचना करते थे. साल 1942 में अंग्रेजों ने इस अखबार को प्रतिबंधित कर दिया था. 1945 में फिर से इसे शुरू किया गया था. साल 1947 में देश को आजादी मिलने के बाद अखबार का प्रकाशन जारी रहा था और अब ये कांग्रेस की नीतियों का प्रचार प्रसार भी कर रहा था. साल 2008 में यूपीए की सत्ता के दौरान इसका प्रकाशन एक बार फिर से बंद कर दिया गया था. बताया गया था कि अखबार की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है.

यंग इंडिया लिमिटेड की भूमिका
यंग इंडिया लिमिटेड कंपनी की शुरुआत साल 2010 में की गई थी तब राहुल गांधी इसके निदेशक भी थे. इस कंपनी के 38 फीसदी शेयर राहुल गांधी के पास और इतना ही शेयर सोनिया गांधी के पास थे. बाकी बचे 24 फीसदी शेयर ऑस्कर फर्नांडीस, मोतीलाल वोरा और दूसरे लोगों के पास थे. आरोप है कि 2011 में अखबार से जुड़ी कंपनी के होल्डिंग को यंग इंडिया लिमिटेड में ट्रांसफर कर दिया गया था.

सुब्रह्मण्यम स्वामी का आरोप
साल 2012 में बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने निचली अदालत में एक शिकायत दर्ज करवाई थी कि यंग इंडिया लिमिटेड ने एसोसिएटेड जर्नल्स के अधिग्रहण में धोखाधड़ी की. उनका कहना था कि यंग इंडिया लिमिटेड ने नेशनल हेराल्ड की कंपनी पर गलत तरीके से कब्जा जमाया जिसमें कांग्रेस पार्टी के फंड का उपयोग किया गया. सुब्रह्मण्यम स्वामी का कहना था कि यंग इंडिया लिमिटेड ने 90 करोड़ रुपये की वसूली के अधिकार को प्राप्त करने के लिए महज 50 लाख रुपये का भुगतान किया था. इस मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ केस दर्ज कराया था.

नेशनल हेराल्ड केस में ED की जांच
साल 2014 में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने नेशनल हेराल्ड केस की जांच शुरू की थी. इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर 26 जून 2014 को कोर्ट ने सोनिया और राहुल को समन किया. साल 2015 में सितंबर के महीने में ईडी ने फिर से इस मामले की जांच शुरू की. दिसंबर 2015 में सोनिया और राहुल इस मामले में पटियाला कोर्ट में पेश हुए थे और बाद में उन्हें जमानत मिल गई. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ मामलों की सुनवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था लेकिन निजी तौर से अदालत में उपस्थित होने से छूट मिल गई थी.

बिल्डिंग के व्यवसायिक इस्तेमाल का आरोप
अक्टूबर 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस को खाली करने का आदेश दिया. जिसमें बिल्डिंग के व्यावसायिक इस्तेमाल का आरोप लगाया गया था. इसमें कहा गया था कि जिस उद्देश्य के लिए 1962 में ये जमीन आवंटित की गई थी उससे इतर इस बिल्डिंग का इस्तेमाल किया जा रहा है. बाद में साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के इस आदेश पर रोक लगा दी थी.

2022 में ED का समन
इस साल 1 जून को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल हेराल्ड मामले (National Herald Case) में सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को समन जारी किया. जिसके बाद 13 जून को राहुल गांधी ईडी के सामने पेश हुए लेकिन इस मामले से जुड़े अधिकतर सवालों का उन्होंने जवाब नहीं दिया. उधर सोनिया गांधी को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है लेकिन वो अभी कोरोना से पीड़ित हैं और ईडी के सामने हाजिर होने के लिए अभी समय मांगा है. कांग्रेस का दावा है कि जब नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाले एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को वित्तीय संकट की स्थिति से गुजरना पड़ा तो कांग्रेस ने उसे बचाया.

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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