NCERT ने कहा – कला को एक विषय के बजाय माध्यम माना जाए

Shri Mi
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परख कार्यक्रम, चार ब्लॉक , उत्कृष्ट, प्रधान पाठक, चयन,chhattisgarh,news,dhamtari,chhattisgarh local news,cgwall,news portal,chhattisgarh,breaking news,bilaspurनईदिल्ली।राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने विद्यालयों से कहा है कि कला सीखने की प्रक्रिया को बिना किसी डर वाली गतिविधि के तौर पर पेश करें जहां एक छात्र बिना इस डर के अपनी कला का प्रदर्शन कर सके कि उसका आकलन किया जा रहा है।एनसीईआरटी द्वारा विद्यालयों के कला शिक्षकों के लिये तैयार किये गए 84 पन्नों वाले ‘आर्ट इंटीग्रेटेड लर्निंग’ (एआईएल) दिशानिर्देश में कहा गया है कि किसी बच्चे की कलात्मक क्षमताओं पर टिप्पणी न करें, बच्चों के कलासंबंधी काम की तुलना न करें, इसे एक प्रक्रिया के तौर पर देखें न कि परिणाम के और कला को एक विषय के बजाए माध्यम माना जाए।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करे

इसमें कहा गया, ‘‘शिक्षक को अपने पूर्वाग्रहों को प्रतिबिंबित नहीं करना चाहिए और ना ही छात्र के साथ बातचीत को बाधित करने वाले दृष्टिकोण को बढ़ावा देना चाहिए।

मूल्यांकन की गतिविधि संतोषजनक होनी चाहिए, जिसमें हर बच्चे को भागीदारी का समान अवसर मिले और एक-दूसरे से मुकाबला किए बिना उनकी पहचान बने।’’दिशा-निर्देश 34 नगर निगम स्कूलों में किए गए एक साल के अध्ययन के आधार पर जामिया मिलिया इस्लामिया के साथ मिलकर शिक्षकों के एक दल ने तैयार किए हैं

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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