PNB घोटाला मामले में इंटरपोल ने नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस किया जारी,पढे क्या है मामला

Shri Mi
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पीएनबी (पंजाब नेशनल बैंक) घोटाला मामले में इंटरपोल ने मुख्य आरोपी नीरव मोदी, उनके भाई निशाल मोदी के ख़िलाफ़ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है।इसके साथ ही इंटरपोल ने निशाल मोदी की कंपनी के एक कार्यकारी सुभाष परब के ख़िलाफ़ भी नोटिस जारी किया है।गौरतलब है कि पिछले महीने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इंटरपोल से दो अरब डॉलर के पंजाब नेशनल घोटाले के संबंध में भगोड़े आभूषण कारोबारी नीरव मोदी के भाई निशाल (बेल्जियम का नागरिक) और उसकी कंपनी के एक कार्यकारी सुभाष परब के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का अनुरोध किया था।इतना ही नहीं सीबीआई ने पहले ही नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और निशाल के खिलाफ 15 फरवरी को प्रसार नोटिस जारी कर चुकी है। इस नोटिस के तहत किसी भगोड़े के स्थिति की जानकारी इंटरपोल के सदस्य देशों के बीच साझा की जाती है।

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बता दें कि रेड कॉर्नर नोटिस आपराधिक मामले में दोषी पाये गए वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी करने या फिर उनके प्रत्यर्पण हासिल करने के लिए जारी किया जाता है।

क्या है मामला
ईडी के आरोपपत्र के मुताबिक 13,500 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले में भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी समेत 23 के खिलाफ मामला चल रहा है। यह घोटाला साल 2011 से 2017 के बीच किया गया है, जिसमें अवैध रूप से लेटर्स ऑफ अंडरटेकिग (एलओयूज) और फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट (एफएलसीज) जारी कराए गए थे।नीरव मोदी की तीन कंपनियों – सोलर एक्सपोर्ट्स, स्टीलर डायमंड और डायमंड आर यूएस ने धोखाधड़ी से पीएनबी के मुंबई की ब्रैडी हाउस शाखा से 6,498 करोड़ रुपये के एलओयूज हासिल किए थे। आरोपपत्र में इन कंपनियों के भी नाम हैं।

आरोप पत्र में कहा गया है कि इन कंपनियों ने घोटाले से रकम निकालकर उसका इस्तेमाल कई विदेशी कंपनियों को भुगतान करने तथा पहले के निकाले गए एलओयू का भुगतान करने के लिए किया।हीरा व्यापारी पीएनबी द्वारा शिकायत दर्ज कराने के एक महीने पहले ही अपने परिवार के साथ देश छोड़कर फरार हो गया। पीएनबी ने उसके खिलाफ 29 फरवरी को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में शिकायत दर्ज कराई थी।

आरोप पत्र में कहा गया कि जांच से खुलासा हुआ कि आरोपियों ने हांगकांग, दुबई और अमेरिका में 2011 से आयात और निर्यात के नाम पर डमी कंपनियों का गठन किया था और उसके माध्यम से पैसों का गबन करते रहे।यह भी कहा गया है कि इन कंपनियों के निदेशक और शेयरधारक भी डमी ही थे, जिसे नीरव की फायरस्टार ग्रुप ऑफ कंपनीज ने तैनात किया था। वे नीरव और उसके भरोसेमंद अधिकारियों श्यामसुंदर वाधवा, आदित्य नानावटी, मिहिर भंसाली और संजू पाउलुस के निर्देश पर काम करते थे।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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