आंगनबाड़ी कर्मचारियों का राज्यपाल को मार्मिक पत्र…ज्यादा नहीं..बस जीने का अधिकार मांग रहे..प्रधानमंत्री को बताएं ऐसे रहती है बहु बेटियां

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने राज्यपाल के नाम मार्मिक पत्र लिखा है। सैकड़ों की संख्या में कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने जिला प्रशासन को अपनी 6 सूत्रीय मांग के समर्थन में पत्र दिया। साथ ही यह भी कहा कि हमारी आवाज को प्रधानमंत्री तक पहुंचाने का कष्ठ करें। क्योंकि हम सरकार से ज्यादा नहीं..बस जीने का अधिकार मांग रहे हैं। चूंकि प्रधानमंत्री को बहु बेटियों की हमेशा चिन्ता रहती है। उन्हें बताया जाए कि पिछले डेढ़ महीने से देश की बहु बेटियां क्यों सड़क पर हैं। इस दौरान उन्हें क्या क्या नहीं सहना पड़ रहा है। 
छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ के बैनर तले सैकड़ों कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर घेराव किया।जिला प्रशासन को राज्यपाल के नाम 6 सूत्रीय मांग पेश कर सभी ने अपनी पीड़ा को जाहिर किया। सहायिकाओं और कार्यकर्ताओं ने कहा कि राज्यपाल से निवेदन है कि हमारी मांग को प्रधानमंत्री तक पहुंचाएं। उन्हें बताए कि हम किस हालत में अपने परिवार का गुजर बसर कर रहे हैं।
      विषय:- 6 सूत्रीय मांगो के पूर्ति एवं दमन की कार्यवाही को वापस लेने के संबंध
मे ज्ञापन।
संगठन ने राज्यपाल को लिखे पत्र में बताया कि यह जानना बहुत जरूरी है कि हम छत्तीसगढ़ के एक लाख से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाएं..रात दिन मेहनत के साथ जिस जिन्दगी को जी रहे हैं..क्या इसे ही जिन्दगी कहते हैं। यह जानते हुए भी प्रधानमंत्री को हमेशा देश की बहु बेटियों की हमेशा चिन्ता रहती है। बावजूद इसके हमें थोड़ा पाने के लिए कमर तोड़ मेहनत करना पड़ रहा है। संगठन की नेत्रियों ने बताया कि हम आंगनबाड़ी कर्मचारी सरकार से खजाना नहीं बल्कि जीने लायक जिन्दगी के लिए वेतन की मांग कर रहे हैं। 
अपनी 6 सूत्रीय मांग को लेकर नेत्रियों ने बताया कि 23 जनवरी 2023 से हम लगातार सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन हम कमजोर लोगों को कोई सुनने वाला नहीं है। जबकि हम रात दिन एक कर सरकार की तरफ से दी गयी महति जिम्मेदारियों का ईमानदारी से निर्वहन कर रहे हैं।  हमारी मांग है कि सेवा निवृत्ति के बाद पेंशन दिया जाए। ग्रेज्युवेटी के अलावा आकस्मिक मृत्यु और दुर्घटना की स्थिति में समूह बीमा की सुविधा दी जाए। जबकि छत्तीसगढ़ सरकार ने चुनावी वायदा भी किया है। 
कार्यकर्ताओं ने बताया कि 23-1-2023 से लगातार सभी जिलो मे संयुक्त मंच के प्रान्तीय आह्वान पर अनिश्चित कालिन हड़ताल पर है। इस बात की जानकारी सरकार को भी है। बावजूद इसके बातचीत के लिए बुलाया नहीं गया। बल्कि संचालनालय स्तर से आदेश जारी कर आंगनबाड़ी केन्द्रो की चाबी लौटाने, रिकव्हरी करने की धमकी के साथ  48 घन्टे के अंदर कार्य पर वापस लौटने को कहा जा रहा है।
संगठन की नेत्रियों ने बताया कि 6 सूत्रीय मांगो मे कुछ अनार्थिक हैं। आदेश जारी करने से सरकार पर किसी प्रकार का आर्थिक भार नही आएगा। राज्यपाल को लिखे पत्र में सहायिकाओं और कार्यकर्ताओं ने बताया कि हमने आज से ही राजभवन चलो नारा के साथ आन्दोलन को तेज करने का फैसला किया है। निवेदन है कि हमारी मांगो को गंभीरता से लेते हुए  प्रधानमंत्री और मुख्य मंत्री तक हमारी पीड़ा को पहुंचाएंगे। साथ ही मिलने का अवसर भी देंगे। 
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