पोंड़ी – उपरोड़ा और पाली के बीईओ की अदला-बदली, एक पख़वाड़े के बाद भी नहीं हुआ आदेश का पालन…

Chief Editor
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कोरबा । बीते दिनों पोंडी उपरोड़ा के बीईओ की शिकायत कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष सहित शिक्षक संघ ने कोरबा सांसद के अलावा छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष से की थी।  मामले को गंभीरता से लेते हुए व्यवस्था बनाये रखने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी ने एक आदेश जारी करते हुए आगामी आदेश तक पोंडी उपरोड़ा विकासखंड शिक्षा अधिकारी एस एल जोगी को व्यवस्था के तहत पाली स्थानांतरित कर दिया है और पाली विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी डी लाल को पोंडी उपरोड़ा  का प्रभार दिया है।
अदला बदली के आदेश 28 अगस्त को जारी हो गए थे ।  दो पखवाड़ा के करीब समय बीतने के बाद भी दोनों अधिकारियों ने अपने प्रभार बदले नहीं हैं…! ज़िससे लोगों को जिला शिक्षा अधिकारी का आदेश कागज का टुकड़ा लग रहा है। अनुविभागीय स्तर के अधिकारी के साथ दोस्ती के मद्देनज़र लोग हवा के रुख़ का अँदाज़ा लगा रहे हैं।
पोंडी उपरोड़ा के बीईओ के कार्यालय में फार्मूला कुछ़ ऐसा बिठाया गया है कि शिक्षा विभाग के इस कार्यालय के सबसे महत्वपूर्ण पद लेखापाल  को तहसील में अटैच करवा दिया गया है। बदले में सहायक ग्रेड तीन से लेखापाल का काम  लिया जा रहा है। जिससे ब्लाक के शिक्षक समुदाय   से लेकर हेडमास्टर और एमडीएम के रसोइया तक परेशान है।

 शिक्षको की माने तो कर्मचारियों के शिक्षक संघ जैसी संस्था को निशाने पर रख़कर सोशल मीडिया में मुहिम़ चलाई गई। ज़िससे बदलापुर का माहौल नज़र आ रहा है। हाल ही में घटित घटनाओं पर नजर डाले तो पता चलता है कि इस बीईओ कार्यालय का एक शिक्षक जो ट्राइसिकल में चलता था। वह 60  प्रतिशत से अधिक दिव्यांग था ..! अपने हक के लिए शिक्षक संघ के साथ कंधे से कंधा मिला कर चलने वाले इस शिक्षक का नाम इस कार्यालय के द्वारा कोरोना ड्यूटी करने के लिए अनुविभागीय अधिकारी को भेजे गए नामों में एक था ….! जो कोरोना ड्यूटी करते हुए खुद कोविड 19 से संक्रमित होकर इस दुनिया के चला गया .. ! 

व्यवस्था के तहत  विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी के प्रभाव में हुए बदलाव के आदेश का पालन 15 दिन बीत जाने के बाद भी नहीं होने के मामले में जिला शिक्षा अधिकारी गोवर्धन भारद्वाज ने सीज़ीवॉल को बताया कि आदेश का परिपालन क्यों नहीं हुआ यह देखना पड़ेगा।

इस विषय पर राजेश चौहान संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बिलासपुर   का कहना है कि मामला हमारे संज्ञान में नहीं आया है । संज्ञान में आते ही नियमानुसार कार्यवाही की अनुशंसा की जाएगी ।

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