स्कूलों में लगेगा पास्को बॉक्स..लैंगिक उत्पीड़न पर शासन सख्त…7 सदस्यीय करेगी शिकायतों की जांच

BHASKAR MISHRA
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1493386035948बिलासपुर— देश के स्कूलों में जहां तहां से मिल रही बच्चों के साथ लैंगिक उत्पीड़न की शिकायत और घटनाओं को छत्तीसगढ़ शासन ने गंभीरता से लिया है। राजीव गांधी शिक्षा मिशन ने राज्य में संचालित सभी स्कूलों में पास्को बाक्स लगाने का आदेश दिया है। ऐसा नहीं करने वाले स्कूलों के खिलाफ मान्यता रद्द होने से लेकर कठोर कार्रवाई का आदेश दिया है। राजीव गांधी शिक्षा मिशन रायपुर ने संसद में पारित लैंगिक उत्पी़ड़न से बच्चों के संरक्षण अधिनियम 2012 को सभी स्कूलों में कठोरता से लागू करने को कहा है।

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                        राजीव गांधी शिक्षा मिशन रायपुर ने प्रदेश के सभी स्कूलों में पास्कों बाक्स लगाने और जांच समिति गठन का आदेश दिया है। राजीव गांधी शिक्षा मिशन प्रशासन ने प्रदेश के सभी जिला मिशन समन्वकों को कहा है कि निर्देश का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। जरूरत महसूस होने पर स्कूलों की मान्यता खत्म करने की सिफारिश भी की जाए।

चिल्ड्रन सेक्सुअल अफसेंस एक्ट 2012

                         रायपुर से प्रदेश के सभी जिला मिशन समन्वयकों को कहा गया है कि स्कूलों में बच्चों की लैंगिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पास्को बॉक्स लगाया जाएं। पास्को बाक्स प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्राम सेक्सुअल अफसेंस 2012 के तहत लगाया जाएगा। एक्ट के तहत स्कूलों में पढ़ने वाले नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध और छेड़छाड़ से सुरक्षा मिलेगी। केन्द्र सरकार ने बाल लैंगिक अपराध पर अंकुश लगाने 2011 में बाल संरक्षण को 22 मई 2012 में सदन से पारित किया था। एक्ट को लैंगिक अपराधों से संरक्षण अधिनियम 2012 का नाम दिया गया है। यह एक्ट 14 नवम्बर 2014 से पूरे भारत में लागू है।

क्या है पास्को बॉक्स…

              राजीव गांधी शिक्षा मिशन रायपुर के अनुसार सभी स्कूलों में पास्को बाक्स लगाया जाएगा। बॉक्स में स्कूलों की छात्र छात्राएं बाक्स में पास्को शिकायत लिखकर डालेंगी। स्कूल के एक शिक्षक और शिक्षिका को पास्को बॉक्स प्रभारी बनाया जाए। पास्को बाक्स में डाली गयी शिकायतो की जांच एक समिति करेगी। बाक्स रोज शाम को खोला जाएगा। बाक्स खोलते समय स्कूल के प्रधानाध्याक या अधीक्षिका के अलावा एक सीनियर छात्र या छात्रा मौजूद रहेंगे।

जांच समिति में कौन-कौन

                शिकायत मिलने की स्थिति में शिकायत कर्ता छात्र छात्राओं की निजता को ध्यान में रखते हुए पत्र को जांच समिति के सामने रखा जाएगा। एक्ट के तहत तत्काल कार्रवाई की जाएगी। जांच समिति सात सदस्यीय होगी। जांच समिति में स्कूल के प्रधानपाठक या अधीक्षका,महिला गार्ड,एसएमसी की महिला सदस्य,दो पालक सदस्य जिसमें एक महिला होगी,एक पुरूष पुलिस के अलावा महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता को शामिल किया जाए।

                    राजीव गांधी शिक्षा मिशन ने प्रदेश के सभी समन्वयकों से कहा है कि जल्द से जल्द पास्को प्रभारी और जांच समिति की जानकारी शासन को भेजें। अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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