सुरजपुर-राजीव गांधी शिक्षा मिशन समग्र शिक्षा के छत्तीसगढ़ राज्य परियोजना कार्यालय के आदेश पर जिले में संकुल स्रोत केंद्र के लिए संकुल समन्वयको का चयन दो साल के लिए किया गया है। जिसके चयन प्रक्रिया पर अब सवाल उठ खड़े हुए है। जिसकी वजह से संकुल समन्वयको की चयन सूची दबा दी गई है। कुछ चयनित उम्मीदवारों को जिला मिशन संचालक के नाम से दस्तखत किए हुए फ़ोटो कॉपी पर पेन से शिक्षको का नाम व पद लिख कर जारी किया गया है। यह एक सामान्य सी प्रक्रिया बताई जा रही है । वही जिला समग्र शिक्षा ने CAC की चयन सूची को गोपनीय दस्तावेज की श्रेणी में लाकर असंतुष्ठ शिक्षको को अपने विरोध में खड़ा कर लिया है। शिक्षको का दबा हुआ मुद्दा तत्काल जिला भाजपा ने उठाते हुए जिला प्रशासन शिक्षा मंत्री सहित राज्य सरकार पर जम कर हमला बोला है।
भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष बाबूलाल अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस राज में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है शिक्षा विभाग में बिना पैसे के कोई काम नहीं होता।जिले में संकुल समन्वयकों की नियुक्ति में लेनदेन हुआ है। नियमो को ताक पर रखा गया है। सूची सार्वजनिक हो तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा । इस प्रक्रिया में हुए हेर फेर पर पार्टी के युवा मंडल पदाधिकारी जिला कलेक्टर से मिलने वाले है।
मालूम हो कि विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार संकुल प्रभारी प्राचार्य की अनुशंसा पर जिला स्तर पर बनी कमेटी के द्वारा अंतिम चयन किया जाना है। यह स्पस्ट होता कि ऐसे किसी भी शिक्षकों का चयन संकुल समन्वयक के लिए नही हुआ है जो एकल शिक्षकिय है। चयन हेतु शिक्षकों के लिए सामान्य योग्यताओं का भी निर्धारण किया गया है किंतु अहर्ता धारी शिक्षक नहीं मिलने पर वैकल्पिक व्यवस्था भी की जाती है। विभिन्न विकास खंडों में पद के अनुरूप योग्यता नहीं रखने वालों को भी समन्वयक बनाए जाने की खबरें हैं।
बाबूलाल अग्रवाल ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग में ट्रांसफर पर बैन के बावजूद भी तबादले के नाम पर शिक्षा विभाग का ट्रांसफर उद्योग साल भर उत्पादन करता है। शिक्षा मंत्री के गृह जिले में एजुकेशन सिस्टम बदहाल है। पैसे का लेनदेन करके प्रधान पाठक और व्याख्याता भी खुलेआम बीईओ, बीआरसी डीएमसी बनाए जा रहे हैं,ऐसे में संकुल समन्वयक के लिए चेहरा देखकर तिलक लगाने काम बेहद मामूली बात है। भुपेश सरकार को मालूम हो गया है कि इसके बाद वापस सत्ता में आना नही है। इस लिए लूट की दुकान लगा दी गई है, शिक्षा विभाग भी लूटतंत्र में सबसे आगे है।