Rajasthan News/जयपुर। संस्कृत शिक्षा विभाग में कार्यरत 21 शिक्षा सहयोगियों को राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट्स रूल्स-2022 के अंतर्गत लाया जाएगा। संविदा नियमों में आने से इन्हें नियमानुसार पारिश्रमिक एवं पदनाम देय होगा। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने इस आशय के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।
प्रस्ताव के अनुसार, सीनियर सैकण्डरी अथवा इससे उच्च शैक्षणिक योग्यता के साथ बी.एड., बी.एस.टी.सी. अथवा डी.एल.एड. की प्रशैक्षणिक योग्यता रखने वाले शिक्षा सहयोगियों को कनिष्ठ शिक्षक (संस्कृत) का पदनाम दिया जाएगा। इनका पारिश्रमिक 16900 रुपए प्रतिमाह होगा। सेवा में 9 एवं 18 वर्ष पूरे करने पर इनका पदनाम बदलकर कनिष्ठ शिक्षक (संस्कृत) ग्रेड द्वितीय एवं कनिष्ठ शिक्षक (संस्कृत) ग्रेड प्रथम हो जाएगा। साथ ही, पारिश्रमिक भी बढ़कर 29600 रुपए व 51600 रुपए प्रतिमाह हो जाएगा।
इसी प्रकार बी.एड., बी.एस.टी.सी. अथवा डी.एल.एड. की प्रशैक्षणिक योग्यता नहीं रखने वाले शिक्षा सहयोगियों को पाठशाला सहायक (संस्कृत) पदनाम दिया जाकर प्रतिमाह 10400 रुपए पारिश्रमिक दिया जाएगा। नियमानुसार 9 एवं 18 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर पदनाम बदलकर पाठशाला सहायक (संस्कृत) ग्रेड द्वितीय एवं पाठशाला सहायक (संस्कृत) ग्रेड प्रथम हो जाएगा। साथ ही, इनका पारिश्रमिक भी बढ़कर 18500 रुपए व 32300 रुपए प्रतिमाह हो जाएगा।
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नियमानुसार तय पारिश्रमिक से अधिक पारिश्रमिक प्राप्त कर रहे शिक्षा सहयोगियों के पारिश्रमिक को संरक्षित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री के इस निर्णय से इन शिक्षा सहयोगियों के पारिश्रमिक में वृद्धि हो सकेगी। साथ ही, भविष्य में इनके नियमित होने का मार्ग भी प्रशस्त होगा।