अंतर्राष्ट्रीय रामायण महोत्सव अगले साल

Chief Editor
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रायपुर ।  मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के आयोजन के लिए तैयारियां प्रारंभ करने के निर्देश शुक्रवार को  यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित संस्कृति एवं पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक में दिए। उन्होंने प्रदेश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों डोंगरगढ़ और रतनपुर में तीर्थ यात्रियों की सहूलियत के लिए बजट मोटल पी.पी.पी.मॉडल पर बनाने की मंजूरी प्रदान की।

डॉ. सिंह ने नया रायपुर स्थित पुरखौती मुक्तांगन को प्रदेश की कला, परम्परा और संस्कृति के एक जीवंत केन्द्र के रुप में विकसित करने के लिए इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ का सहयोग लेने के निर्देश दिए। बैठक में प्रदेश में ‘छत्तीसगढ़ संस्कृति संस्थान’ की स्थापना शोध केन्द्र के रुप में करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री बैठक में लिए गए इन महत्वपूर्ण निर्णयों पर अमल करने के निर्देेश दिए।
पर्यटन मंत्री  दयालदास बघेल, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष  संतोष बाफना, मुख्य सचिव  विवेक ढांड, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव  अमन कुमार सिंह, सचिव  सुबोध सिंह, सचिव वित्त  अमित अग्रवाल, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के विशेष सचिव  संतोष मिश्रा, आयुक्त आदिवासी विकास  राजेश सुकुमार टोप्पो, संचालक पर्यटन  राकेश चतुर्वेदी सहित संबंधित वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि पुरखौती मुक्तांगन में अलग-अलग जोन निर्धारित कर बस्तर और सरगुजा की आदिवासी संस्कृति को जीवंत मॉडलों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाए। बस्तर का घोटुल, ग्रामीण संस्कृति में उपयोग में लाए जाने वाले उपकरणों, ग्रामीण जन-जीवन और बैगा आदिवासियों के गांव की झलक भी यहां आने वाले पर्यटकों को देखने को मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के छात्र जीवंत कलाकृतियां तैयार करने में कुशल हैं। उन्हें भी यहां अपने कौशल का प्रदर्शन करने का अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने बैठक में बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहल राजनांदगांव के फ्लाई ओवर को इस विश्वविद्यालय के छात्रों ने अपनी पेंटिंग के माध्यम से सजाया है। पहले जहां गंदगी रहती थी, वहां अब लोग इन छा़त्रों की चित्रकला देखने आते हैं। बैठक में बताया गया कि ‘छत्तीसगढ़ संस्कृति संस्थान’ राजधानी रायपुर स्थित इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में दस एकड़ के रकबे पर चरणबद्ध रुप से विकसित किया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय रामायण महोत्सव अगले वर्ष किया जाएगा।

 

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