रायपुर– आरटीआई कार्यकर्ता संजीव अग्रवाल ने सरकार से मांग की है कि डीजी मुकेश गुप्ता और आईपीएस रजनेश सिंह की संपत्ति की जांच की जाए। दोनों ने अपने अधिकारों का दुरूपयोग कर प्रदेश में जमकर लूटपाट की है। इसलिए मामला निलंबन तक ही सीमित ना रखते हुए प्रदेश सरकार दोनों अधिकारियों की संपत्ति की जांच भी कराए।
आरटीआई कार्यक्ता संजीव अग्रवाल ने प्रदेश सरकार से निलंबित अधिकारी डीजी मुकेश गुप्ता और आईपीएस रजनेश सिंह के खिलाफ संपत्ति जांच की मांग की है। संजीव अग्रवाल ने बताया कि पिछले 15 सालों में दोनों अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ की भोली भाली जनता को जमकर लूटा है। अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए जमकर मनमानी भी की है। कई बार लोगों को परेशान करने के लिए उन पर पर झूठे मामले में फंसाकर ना केवल एफआईआर दर्ज कराया बल्कि अनुचित काम भी कराया है।
संजीव अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ के कई बड़े व्यापारियों से खासतौर पर बिल्डरों से मुकेश गुप्ता के संबंध हैं। सांठगांठ के बाद अपने पद का दुरुपयोग करते हुए गुप्ता ने खूब काला धन कमाया है। बहुत सारी संपत्ति बनाई है। जिसकी जांच भूपेश सरकार को करनी चाहिए। एक अधिकारी के पास इतना धन कहां से आया। असबाब संपत्ति का स्रोत क्या है। क्या उसकी मासिक सरकारी आय से इतनी संपत्ति हासिल करना संभव है? सरकार को इस विषय में त्वरित कार्रवाई करने की जरूरत है।
संजीव अग्रवाल ने शक जाहिर किया है कि नोट-बंदी के दौरान सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे देश में मुकेश गुप्ता के पैसे पुरानी नोट के बदले नई नोट बदलने के लिए भेजे गए थे। ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। पाई पाई का हिसाब किताब होना चाहिए,ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।