बिलासपुर– मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया का आज कलेक्टर कार्यालय के सामने विधानसभा के लोगों ने घेराव किया। इस मौके पर लहरिया का सभी ने उग्र रूप से विरोध किया। धनगवां और बकरकुदा के ग्रामीणो ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर राशन पानी और पेंशन नहीं मिलने की शिकायत भी की है। ग्रामीणो के अनुसार स्थानीय विधायक के शह पर सरकारी राशि का गबन किया जा रहा है। शिकायतकर्ताओं ने बताया कि उन्हें पिछले नौ महीने से एरियश भी नहीं मिला। राशन दुकान से भी कोई सामान नहीं मिलता है।
आज मस्तूरी विधायक दिलीप लहरिया का बकरकुदा और धनगवां के ग्रामीणों ने घेराव किया। ग्रामीण लोग कलेक्टर से शिकायत करने पहुंचे थे कि उन्हें पिछले दो महीने से ना तो राशन मिला और ना ही 9 महीने का एरियश ही उन्हें दिया गया है। ग्रामीणों ने कलेक्टर से शिकायत की है कि धनगवां का सरपंच श्यामाबाई अपने लड़के और पूर्व सरपंच के साथ पंचायत में मनमानी कर रही है।
इस बीच किसी काम से कलेक्टर कार्यालय पहुचे मस्तूरी विधायक को ग्रामीणों ने घेर लिया। इस दौरान लोगों ने विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। साथ ही विधायक को भला बुरा भी कहा। मामला गाली गलौच तक पहुंच गया। किसी तरह विधायक दिलीप लहरिया भीड़ से बचकर निकले लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा कम नहीं हुआ।
ग्रामीणों ने पत्रकारों से बताया कि सरपंच ने उन्हें पिछले 9 महीनों से पेंशन की बढ़ी हुई राशि नहीं दिया है। सरपंच के अनुसार शासन ने पैसा ही नहीं भेजा तो एरियस का भुगतान अपने घर से नहीं करेंगे। जबकि अन्य पंचायतों में हर महीने एरियश का भुगतान किया जा रहा है। कुल मिलाकर सरपंच ने नौ लाख रूपए का गबन किया है।
ग्रामीणों के अनुसार सरपंच परिवार महिला स्वसहायता समूह चलाता है। पिछले दो महीनों से किसी को ना तो चावल दिया गया और ना ही किसी प्रकार का सामान। जिसके चलते उनके सामने भूखे मरने की नौबत आ गयी है। खाद्य विभाग के निरीक्षक मनीष यादव भी सरपंच से मिला है। उसके इशारे पर ही सारा राशन ब्लैक मेल किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सरपंच ने शौचालय निर्माण किए बिना पांच लाख रूपए मद से गबन किया है। पकरिया-भगवान पाली के बीच अभी तक सीसी रोड का निर्माण नहीं किया गया। लेकिन सरपंच ने चार लाख रूपए निकालकर खर्च कर दिया है। दो लाख रूपए सामुदायिक भवन निर्माण के लिए सरपंच ने निकाला जरूर लेकिन अभी तक काम नहीं शुरू हुआ है।
ग्रामीणों ने बताया कि हमने कलेक्टर से पूर्व सरपंच सन्तू यादव को गिरफ्तार करने की मांग की है। संतू यादव ने मल्हार सोसायटी में प्रबंधक का काम करते हुए चार करोड़ रूपए का घोटाला किया है। उसके खिलाफ शासन ने कार्रवाई का आदेश दिया है। बावजूद इसके अभी तक उसे गिरफ्तार नहीं किया गया। जबकि वह दिन भर गांव में घूमता है। पुलिस कहती है कि वह फरार है।
ग्रामीणों के अनुसार धनगवां पंचायत पर पिछले 16 साल से श्यामबाई परिवार का कब्जा है। इस परिवार ने सरकारी नौकरी करने वालों का भी पेंशन प्रकरण बनाया है। इनमें से कई लोग चिरमिरी या अन्य जगहों पर लम्बा वेतन उठा रहे हैं। इसलिए हमने आज कलेक्टर से शिकायत को गंभीरता से लेने को कहा है। यदि उनकी मांग को अनसुना किया गया तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।