बिलासपुर।लाॅकडाउन के चलते अपने राज्य वापस लौटकर आने वाले प्रवासी श्रमिकों के बच्चों का स्कूल में दाखिला कराया जाएगा। इसके लिये जिले में 365 क्वारेंटाईन सेंटर में रह रहे 1 हजार 891 बच्चों का चिन्हांकन किया गया है।छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों के बच्चों की नियमित शिक्षा के व्यवस्था के लिये उन्हें स्कूलो में प्रवेष दिलाने का निर्णय लिया गया है। कलेक्टर सारांश मित्तर के निर्देश पर षिक्षा विभाग एवं ग्राम पंचायत द्वारा अभी तक 365 क्वारेंटाईन सेंटर में रूके हुये स्कूल जाने योग्य बच्चों की सूची बना ली गई है। चिन्हांकित बच्चों में 996 बालक और 895 बालिकाएं शामिल हैं।आंगनबाड़ी जाने योग्य 485 बच्चे कक्षा पहली के लिये 381 बच्चे, कक्षा दूसरी के लिये 211, तीसरी कक्षा के लिये 180, चैथी कक्षा के लिये 139, पांचवी कक्षा के लिये 107, छठवीं कक्षा के लिये 108, सातवीं कक्षा के लिये 65, आठवीं कक्षा के लिये 61, नौवीं कक्षा के लिये 76, दसवीं कक्षा के लिये 46, ग्यारहवीं कक्षा के लिये 26 और बारहवीं कक्षा के लिये 6 बच्चे चिन्हांकित किये गये हैं।
क्वारेंटाईन सेंटर में रह रहे बच्चों की जानकारी निर्धारित प्रपत्र में एकत्रित की जा रही है। जिसमें इस प्रपत्र में बच्चे का नाम, आयु, जन्मतिथि, लिंग, पिता का नाम, माता का नाम, कहां से छत्तीसगढ़ वापस आये हैं, निवास स्थान का पूरा पता, ग्रामीण क्षेत्र के लिये गांव, पंचायत, विकासखंड, जिला एवं शहरी क्षेत्र के लिये मकान नंबर, मोहल्ला, वार्ड, शहर, जिला, बच्चा कितने वर्ष का है, किस कक्षा में पढ़ता है, इस वर्ष किस कक्षा में प्रवेश लेना है, यह जानकारी ली जा रही है। इसके अलावा बच्चे के माता-पिता छत्तीसगढ़ में रहेंगे अथवा काम के लिये बाहर जायेंगे, बच्चा छत्तीसगढ़ में रहेगा अथवा माता-पिता के साथ बाहर जायेगा, यह जानकारी भी प्रपत्र में प्रवासी श्रमिकों के क्वारेंटाईन सेंटर छोड़ने के पूर्व एकत्रित की जा रही है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस जानकारी की आॅनलाईन एण्ट्री के लिये साफ्टवेयर उपलब्ध कराया जा रहा है।
कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया है कि क्वारेंटाईन सेंटर में रह रहे सभी बच्चों की जानकारी प्राप्त कर आवश्यक कार्यवाही सुनिष्चित करें। जिससे कोई भी बच्चा स्कूल में प्रवेश से वंचित न रहे।