Senthil Balaji/चेन्नई/ मद्रास हाईकोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को बड़ा झटका देते हुए मंगलवार को तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी की हिरासत बढ़ाने से इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति जे. निशा बानू और न्यायमूर्ति भरत चक्रवर्ती की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा, ”आदेश के खिलाफ दायर की गई अपीलें सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित हैं, इसलिए हमें और कुछ कहने की जरूरत नहीं है।”
Senthil Balaji/जब मामला पीठ के सामने आया तो न्यायमूर्ति निशा बानू ने कहा कि वह 4 जुलाई के अपने फैसले पर कायम हैं और इस मामले में उनके पास रुकने के लिए कुछ भी नहीं है।
ईडी की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर तुषार मेहता ने कहा कि मामले को केवल हिरासत की तारीख पर फैसला करने के लिए पीठ के पास वापस भेजा गया था। न्यायमूर्ति निशा बानू ने कहा कि वह तारीख तय नहीं कर सकतीं और वह मंत्री को मुक्त करने के अपने फैसले पर कायम हैं।
ईडी द्वारा मंत्री की गिरफ्तारी की वैधता पर मद्रास हाईकोर्ट की खंडपीठ द्वारा एक खंडित फैसला पारित किया गया था। जहां जस्टिस निशा बानू ने ईडी द्वारा गिरफ्तारी को मंजूरी नहीं दी, वहीं जस्टिस भरत चक्रवर्ती ने गिरफ्तारी की पुष्टि की। मामले की आगे की सुनवाई के लिए एक तीसरे न्यायाधीश को नियुक्त किया गया और न्यायमूर्ति सीवी कार्तिकेयन ने न्यायमूर्ति चक्रवर्ती से सहमति व्यक्त की और गिरफ्तारी की वैधता की पुष्टि की।
सेंथिल बालाजी की पत्नी का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील आर इलांगो ने कहा कि इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष बहस की जा सकती है। खंडपीठ ने यह कहते हुए याचिका बंद कर दी कि मामले में आगे की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट फैसला करेगा।Senthil Balaji