1 लाख 80 हजार शिक्षाकर्मी दिखाएंगे ताकत…146 ब्लाकों में देंगे धरना…बेमुद्दत हड़ताल का होगा एलान

BHASKAR MISHRA
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shikshakarmi..बिलासपुर—प्रदेश के 146 विकास खंडो मे एक साथ एक लाख अस्सी हजार पंचायत संवर्ग शिक्षक प्रदेश के सभी विकासखण्डों में शक्ति का प्रदर्शन करेंगे। एक साथ विकास खण्डो में धरना प्रदर्शन कर रैली निकालेंगे…प्रशासन को मांग पत्र भी देंगे। शिक्षकों का धरना प्रदर्शन छत्तीसगढ़ शिक्ष पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के बैनर तले होगा। छत्तीसगढ़ शिक्षक पंचायत नगर निगम मोर्चा के संचालक संजय शर्मा ने तीस अक्टूबर को सामुहिक अवकाश में रहकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का एलान किया है। शर्मा के अनुसार प्रदेश के इसी दौरान 1 लाख 80 हजार शिक्षक 20 नवम्बर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की जानकारी प्रदेश सरकार को देंगे।
                         आखिरकार प्रदेश के पंचायत और निकाय संवर्ग के एक लाख 80 हजार शिक्षकों ने एक साथ शक्ति प्रदर्शन का एलान कर ही दिया। शासन से लम्बी बातचीत के बाद प्रदेश के सभी शिक्षाकर्मी संघ ने एक हो कर छत्तीसगढ़ शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के बैनर तले 146 विकास खण्डों में 30 अक्टूबर को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करने का फैसला किया है। मोर्चा अध्यक्ष संजय शर्मा ने बताया कि शोषण की काली रात…शिक्षकों के आंदोलन के बाद छट जाएगी। शासन को शिक्षाकर्मी संघ के सामने झुकना ही होगा। 30 अक्टबूर को शासन तक संदेश दिया जाएगा कि अधिकार और सम्मान पाने के लिए प्रदेश का एक एक शिक्षाकर्मी टस से मस नहीं होने वाला है।

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                             संजय शर्मा ने सीजी वाल को बताया कि 30 अक्टूबर 2017 को शासन के वादाखिलाफी के खिलाफ शिक्षाकर्मी के सभी संघ एक दिवसीय हड़ताल पर रहेंगे। अधिकार,हक और  सम्मान के लिए 1 लाख 80 हजार शिक्षक पंचायत संवर्ग प्रदेश के सभी विकास खंड मुख्यालयो मे अपनी आवाज को बुलंद करेंगे । इस दौरान सभी शिक्षक संवर्ग के लोग 9 सूत्रीय मांग को लेकर धरना प्रदर्शन और रैली निकालेंगे।
                                 संजय ने बताया कि जब तक 9 सूत्रीय मांग को लेकर सरकार सकारात्मक कदम नहीं उठाती है..आंदोलन को नही रोका जाएगा। संजय के अनुसार 9 सूत्रीय मांगों में प्रमुख रूप से समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग की गयी है। सरकार से शिक्षक पंचायत,नगर निगम संवर्ग को  शिक्षा और आजाक विभाग में संविलियन, शासकीयकरण के अलावा क्रमोन्नति वेतनमान पर सातवाँ वेतनमान देने को कहा गया है।_20171023_222555
              अन्य प्रमुख मांगो में शिक्षक संवर्ग के लिए दो स्तरीय क्रमोन्नति, समयमान वेतनमान के लिए सरकार पर दबाव बनाया जाएगा। सहायक शिक्षक वर्ग को  व्याख्याता और शिक्षक के अंतर के अनुपात में समानुपातिक वेतनमान दिया जाए। अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षिण देने के बाद नियमित कर समयमान और पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ दिया जाना चाहिए। वेतनमान में कटौती भी ना किया जाए। केबिनेट निर्णय का पालन करते हुए शिक्षक संवर्ग को वरिष्ठता के आधार पर प्राचार्य,प्रधान पाठक के पद पर पदोन्नति किया जाए।  व्याख्याता, व्यायाम शिक्षक, उर्दू शिक्षको के पदोन्नति के लिए प्रावधान बनाया जाए। जरूरत के अनुसार पद स्वीकृत भी किया जाए।
                      संयय ने सीजी वाल को बताया कि समग्र वेतन में सीपीएफ कटौती और 2004 के पूर्व नियुक्त शिक्षको की जीपीएफ कटौती भी हमारी मांगो में प्रमुख है। शिक्षाकर्मियों को प्रदेश के अन्य कर्मचारियो और शिक्षको के समान शिक्षक पंचायत और नगर निगम संवर्ग के लिए खुली स्थानांतरण नीति बनायी जाए। टेट और डीएड के बिना अनुकम्पा नियुक्ति दी जाए। न्यूनतम योग्यता के अभाव में चतुर्थ वर्ग पर भी अनुकम्पा नियुक्ति दिया जाना हमारे आंदोलन का मकसद है।
हम सब एक हैं…मनमुटाव का सवाल ही नहीं
                                    मोर्चा संचालक संजय शर्मा,केदार जैन, वीरेंद्र दुबे, विकास राजपूत,चंद्रदेव राय ने बताया कि संगठन में किसी प्रकार की गुटबाजी नहीं है। हम सब एक हैं। मान, सम्मान और अधिकार के लिए हम किसी भी सीमा तक जा सकते हैं। हमे अधिकार और मान सम्मान के साथ जीने का अधिकार है। जैसा की बताया जा रहा था कि शिक्षाकर्मी संघ में गुटबाजी या मनमुटाब है। इसका जवाब शासन को 30 अक्टूबर को मिल जाएगा। यदि शासन ने नजरअंदाज किया तो 20 नवम्बर को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के बाद शासन को अपनी गलतियों का अहसास हो जाएगा।
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