बिलासपुर— गुरू घासीदास विश्वविद्यालय जब केन्द्रीय विश्वविद्यालय बना तो जिले में जमकर जश्न माहौल देखने को मिला । इससे पहले ऐसी खुशी गुूरूघासी दास विश्वविद्यालय बनने के समय दिकाई दी थी। अभिभावकों में भी उच्च शिक्षा को लेकर भारी उत्साह था। लेकिन यह उत्साह अब धीरे धीरे गायब होता जा रहा है या यूं कहें कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय की कार्यशाली को देखकर अभिभावकों में ही नहीं बल्कि छात्रों में उत्साह नहीं है। छात्र नेताओं की माने तो कुलपति ने स्थानीय छात्रों मनोबल को गिराया है। विश्वविद्यालय धीरे धीरे भ्रष्टाचार और तानाशाही का संस्थान बनकर रह गया है।
Join Whatsapp Group | यहाँ क्लिक करे |
वर्तमान कुलपति अंजीला गुप्ता ने 7 जनवरी 2016 को छात्रों से सामुहिक बैठक में कहा था कि विश्वविद्यालय प्रबंधन और छात्र संगठन मिलकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय के हितों के लिए काम करेंगे। छात्रों के हित में ही विश्वविद्यालय का हित है। उन्होने यह भी कहा था कि छात्र संगठन छात्रों की परेशानियों को लेकर कुलपति का दरवाजा हमेशा खुला है। छात्र हित में सभी के विचारों को सुना जाएगा। ताज्जुब की बात है कि छात्रों के साथ कुलपति अंजिला गुप्ता की 7 जनवरी की बैठक अभी तक अंतिम बैठक साबित हुई है। छात्र हितों की कसमें वादे करने वाली कलपति को अब छात्र-छात्रएं विश्वविद्यालय के दुश्मन नजर आते हैं।
पूर्व कुलपति लक्ष्मण चतुर्वेदी के कार्यकाल में प्राध्यापक परेशान रहा करते थे। क्लास लग रही है या नहीं चतुर्वेदी की हमेशा नजर रहती थी। लेकिन वर्तमान कुलपति को इस बात से कोई मतलब नहीं है कि कक्षाएं लगती भी है या नहीं। निवर्तमान छात्र संघ अध्यक्ष सिद्धार्थ शुक्ला ने बताया कि पदभार ग्रहण करने के बाद वर्तमान कुलपति ने एक भी बार कक्षाओं की मानिटरिंग नहीं की है। क्लास नहीं लगने की शिकायत को कुलपति ने कभी भी गंभीरता से नहीं लिया। सिद्धार्थ शुक्ला ने बताया कि अंजिला गुप्ता ने छात्र संघ को कभी तवज्जो ही नहीं दिया। छात्र प्रतिनिधियों ने परेशानियों को लेकर जब भी कुलपति से मिलने का प्रयास किया उन्होने मिलने से ना केवल इंकार दिया। इतना ही नहीं कुलपति ने छात्र नेताओं को अनुशासनहीनता की नोटिस भी थमा दी।
सिद्धार्थ शुक्ला ने बताया कि कुलपति अंजिला गुप्ता छात्र संघ प्रतिनिधियों से कहीं ज्यादा बाहरी एबीव्हीपी छात्र नेताओं को तवज्जो देती हैं। कुछ दिन पहले एबीव्हीपी के नेताओं ने विश्वविद्यालय के गार्ड और प्राध्यापकों के साथ मारपीट की। छात्र प्रतिनिधि होने के कारण मैने इसका विरोध किया। कुलपति से शिकायत भी की। कुलपति ने मेरे खिलाफ अनुशासनहीनता की नोटिस जारी कर दिया। निवर्तमान छात्र नेता ने बताया कि कुलपति ने अभी तक मेरे खिलाफ चालिस से अधिक नोटिस जारी किया है। उन्होने विश्वविद्यालय में धारा 144 का माहौल पैदा कर दिया है।
सिद्धार्थ ने बताया कि गार्ड और प्राध्यापकों से मारपीट करने वाले एबीव्हीपी छात्र नेताओं के खिलाफ जब कार्रवाई करने कोनी पुलिस पहुंची तो कुलपति ने उन्हें डांट-डपटकर भगा दिया। अंजिला गुप्ता ने मारपीट करने वाले छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करने की वजाय केबीन में बैठाकर चाय पानी पिलाया। कहने के मतलब कुलपति केबिन में दोषियों की जमकर आवाभगत हुई।
शुक्ला ने बताया कि कुलपति की तानाशाही से छात्र ही नहीं विश्वविद्यालय कर्मचारी भी परेशान है। कार्यालय से दूर रहने की लिखित जानकारी के बाद भी कुलपति ने कर्मचारी नेता राजेश सोनी को बर्खास्त कर दिया। आज सोनी का परिवार दर दर भटकने को मजबूर है। सिद्धार्थ ने बताया कि दरअसल कुलपति अपने सामने किसी को कुछ नहीं समझती हैं। उनकी तानाशाही से विश्वविद्यालय को बहुत नुकसान हो रहा है। हमने उनकी कार्यशैली को लेकर मानव संसाधन मंत्रालय को भी पत्र लिखा है। कार्रवाई का इंतजार है।
विश्वविद्यालय की कहानी जारी है