सिरोही- प्रदेश के सिरोही जिले में शुक्रवार को तहसील कार्यालय में कार्यरत एक बाबू को 7500 रुपए की रिश्वत लेते एसीबी की टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया हैं.सिरोही तहसील में कार्यरत बाबू राकेश पूनियां ने कोयला ठेकदारों को टीपी (टेम्परेरी परमिशन) जारी करने की एवज में यह घुस मांगी थी, जिसकी शिकायत परिवादी हीराराम और राजेंद्र कुमार ने सिरोही एसीबी को की, जिस पर सिरोही एसीबी के एडिशनल एसपी नारायणसिंह राजपुरोहित की टीम ने इसका सत्यापन किया, उसके बाद आज जाल बिछाकर इस घूसखोर बाबू को गिरफ्तार करने में बड़ी कामयाबी हासिल की हैं. आपको बता दें कि परिवादियों ने जावाल कस्बे के आसपास अंग्रेजी बबूल काटकर कोयलों का निर्माण किया हैं, अब इस कोयले को बेचने के लिए सिरोही जिले से बाहर ले जाना हैं जिसके लिए तहसील कार्यालय से अस्थाई स्वीकृति आदेश जारी करवाना था.इसके लिए परिवादी ने जब तहसील कार्यालय में आवेदन किया तो तहसील में कार्यरत एलडीसी राकेश पूनियां ने इसके बदले रिश्वत की मांग की. जिस पर दोनों पक्षों में 7500 रुपए देने की बात तय हुई.सौदा तय होने के बाद परिवादी एसीबी कार्यालय पहुंचे और इस घूसखोर बाबू को रंगे हाथ गिरफ्तार करवाया हैं.आज की इस कार्रवाई के बाद पूरे जिले में हलचल मची हुई हैं.
रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार हुआ सिरोही तहसील का एलडीसी राकेश पूनियां कोयले की टीपी जारी करने की एवज में प्रति टीपी 1500 रुपए की घुस लेता था.आज जो रिश्वत की राशि ली गई थी, वो राशि पांच टीपी जारी करने की एवज में ली गई हैं.परिवादियों ने बताया कि इससे पहले भी इस बाबू ने टीपी जारी करने की एवज में प्रति टीपी 1500-1500 रुपए लिए थे. लेकिन बार बार रिश्वत देने के लिए जब उन्हें मजबूर किया गया, तो दोनों परिवादियों ने मिलकर एसीबी को शिकायत की जिस ओर आज इसे रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया.आपको बता दें आज एसीबी ने जिस बाबू को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया हैं, उसकी नौकरी लगे मात्र 13 महीने ही हुए हैं, लेकिन बाबूजी ने बाबूगिरी के सारे हथकंडे अल्प समय में ही सीख लिए. जिसका परिणाम भी आज इन्हें भुगतने पड़ रहे हैं.